बरेली में रहने वाले भाजपा कार्यकर्ता द्वारा शिक्षक पत्नी से गुजारा भत्ता मांगने का एक भावुक मामला सामने आया है।यह मामला उस पति का है जिसके प्रयासों और सहयोग से पत्नी शिक्षिका बन गई।जिसके बाद वह अब कोर्ट में अपनी पत्नी से गुजारा भत्ता दिलाए जाने की मांग कर रहा है। इस मामले में अदालत ने उसकी दास्तां सुनकर पत्नी को तलब किया है।
दरअसल में कांधरपुर लाल फाटक निवासी विनोद जोशी ने अधिवक्ता एमआर मलिक के जरिए फैमिली कोर्ट में दावा दायर किया है।विनोद जोशी ने 2012 में शहर की रहने वाली एक युवती से विवाह किया था।बरेली कॉलेज में छात्रसंघ उपाध्यक्ष रहे विनोद का सात साल का बेटा भी है।विनोद ने कोर्ट को अपनी दास्तां सुनाते हुए बताया कि उसने घर का कामकाज कर अपनी पत्नी को नौकरी की तैयार कराई।उसकी कोशिश रंग लाई और उसकी पत्नी शिक्षक बन गई।
विनोद का आरोप है कि नौकरी लगने के बाद उसकी पत्नी का व्यवहार एकदम बदल गया।जिसके बाद हालात इतने बिगड़े कि घर में वह अपनी मां के साथ अकेला रहने को मजबूर हो गया।विनोद ने बताया वर्ष 2018 में उसकी पत्नी मायके चली गई।इसके बाद वह नहीं लौटी।उसने बताया कि उसकी पत्नी ने अब बात करना भी छोड़ दिया है।जिसके बाद उसकी उम्मीद टूट गई है।इसके साथ ही वह गुजारा भत्ता मांगने को भी विवश हो गया है।
विनोद ने बताया कि उसकी पत्नी को 65 हजार रूपये वेतन मिलता है।उसने बताया कि वह पहले ट्यूशन पढ़ाकर अपना गुजारा कर लेता था। लेकिन कोरोना काल में ट्यूशन बंद हो गए।जिसके चलते वह बेरोजगार हो गया।हालात ये है कि गुजारा खर्च के लिए उसके पास कोई दूसरा जरिया नहीं है।विनाेद ने अदालत से 30 हजार रुपये माहवार पत्नी से दिलाए जाने की मांग की है।परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश हरीश त्रिपाठी ने वादी की पत्नी को समन भेजकर कोर्ट में तलब किया है। मामले की अगली सुनवाई 29 अप्रैल को होगी।