मनीष गर्ग खबर सतना
सतना, श्रीमानसपीठ खजुरीताल में चल रहे शताब्दी महोत्सव के पंचम दिवस कार्यक्रम में विशाल जन समूह देखने को मिला। प्रातः सर्वप्रथम हवन पूजन हुआ जिसमें लगभग 5 हजार श्रद्धालुओं ने हिस्सा लेते हुए हवन पूजन किया। कथावाचन करते हुए हिंदू धर्मगुरू श्रीरामभद्राचार्य जी महराज ने घोषणा करते हुए कहा की कहा 22 को वैशाख शुक्ल द्वितीय को रामचरित मंदिर का शिलान्यास होगा। जिसमें रामचरित मानस की लिखाई व मूर्ति के टंकन का सारा ख़र्च तुलसीपीठ बहन करेगा। मुझे बताते हुए अत्यंत हर्ष हो रहा है कि जब भगवान राम बनवास को चले थे तो खजुरीताल में एक रात रुके थे। यहाँ पीपल के काफी वृक्ष थे भगवान राम अब बड़े हो गए हैं और शिक्षा लेने गए हैं। आगे गुरुजी ने कहा कि भगवान राम माता के कहने पर वन नहीं गए थे, बल्कि देवताओं की स्त्रियों ने कहा कि हम कब तक रावण की बंदीगार में मरती रहेंगी। तब भगवान वन गए, यदि धर्म से राजनीति अलग कर दोगे तो राजनीति विधवा हो जाएगी। रामचंद्र जी धर्म की नीति है, भारत होगा तब ना भगवन होंगे, भारत भगवान का मंदिर है। वहीं गुरूजी ने मजाकिया अंदाज में कहा की भगवान की पूजा कमल से ही होती है इसलिए कमल खिलना आवश्यक है।

श्रीराम कथा के दौरान मंच पर ब्रह्मर्षि डाॅ. रामविलास बेदांती जी महराज,शताब्दी महोत्सव के आयोजक श्रीमानसपीठ खजुरीताल के पीठाधीश्वर जगद्गुरू श्री रामललाचार्य जी महराज,महंत राजीव लोचन शरण जी महाराज मैहर,महंत अयोध्या दास जी महाराज अयोध्या धाम,डॉ. राम अवतार शर्मा राम पथ गमन के अध्यक्ष,जगद्गुरु बिंदु बाध्यचार्य जी महराज अयोध्या,पद्मविभूषण श्रीरामभद्राचार्य जी महराज के शिष्य आचार्य हिमांशु जी व पंडित शशिकांत त्रिपाठी प्रमुख रूप से विराजमान रहे। आज पंचम दिवस की कथा के यजमान सपत्नीक जेपी शर्मा रीवा रहे। श्रीराम कथा प्रारंभ होने से पूर्व राज्यमंत्री रामखेलावन पटेल,रैगांव विधायक कल्पना वर्मा,युवा समाजसेवी कुंवर कपिध्वज सिंह ताला हाउस,समाजसेवी रामनिवास उर्मलिया मैहर,पत्रकार उपेंद्र द्विवेदी,कार्यक्रम के मीडिया प्रभारी पंडित सचिन शर्मा सूर्या ने पूजन महराज जी का माल्यार्पण कर आशीर्वाद प्राप्त किया। रात्रिकालीन सांस्कृतिक कार्यक्रम में भव्य कवि सम्मलेन का आयोजन किया गया जिसमें देशभर के जाने माने कवियों ने हिस्सा लिया। कविगणों में डाॅ. राजकुमार शर्मा राज रीवा,रामगोपाल शुक्ल रायगढ़,राम भदावार जी इटवा,गजेंद्र प्रियांशु वारावंकी,अभय निर्भीक लखनऊ,डाॅ. रामनिहोर तिवारी बल्हौड़,रामलखन सिंह महगना,उपेंद्र द्विवेदी सतना,अमित शुक्ला रीवा,डाॅ. आरती तिवारी रीवा,सत्येंद्र सेंगर रीवा,उमेश मिश्रा लखन रीवा,कामता माखन रीवा,सिद्धार्थ श्रीवास्तव रीवा व आशीष तिवारी निर्मल शामिल रहे। देर रात तक दर्शक और श्रोता काव्य पाठ में झूमते रहे। कार्यक्रम का सफल संचालन खजुरीताल महराज के कृपापात्र मधुसूदन मिश्रा ने किया।