दबंगो से पीड़ित एक दलित परिवार एक साल से शौच की गंदगी के बीच घर से बाहर कदम रखने को मजबूर। उसकी शिकायत न नगर निगम में सुनी जा रही न ही कलेक्ट्रेट में । कलेक्ट्रेट से 10 मिनट की दूरी पर स्वच्छता अभियान की उड़ रही धज्जियाँ। इधर स्वच्छता के नाम पर पीटा जा रहा है ढिंढोरा। दलित होने की वजह से इस परिवार की नही हो रही सुनवाई। नारकीय जीवन जी रहा परिवार। सीएम हेल्पलाइन में भी भ्रामक जानकारी देकर बंद करा दी शिकायत। हद तो ये है कि सरकारी नाली को बन्द कर दिए जाने के बाद भी किसी के कान में जूं तक नही रेंगी। अतिक्रमण दस्ते को ऐसे गरीबो की समस्या नजर नही आती। सुखाधिकार से वंचित कर दिया गया है परिवार.