जब श्री राम जी ने अश्वमेघ यज्ञ करवाया था तब उन्होंने एक अश्व छोडा था जिसको श्री राम जी के ही पुत्रो द्वारा पकड़ा गया था जहा पर लव और कुश ने घोड़े को पाया था वह जगह आज भी देव नगरीपावा नाम से प्रचलित है जहा हर वर्ष कार्तिक पुर्डिमा के दूसरे दिन से तीन दिवसी विशाल मेला होता है इस्नान के बाद वापस आए श्रद्धालुओं को पांच दिन पहले से चल रही पं श्री सूर्यकांत शास्त्री जी के द्वारा भागवत महा पुराण का आनंद मिला भागवत महा पुराण के पांचवे दिन लव और कुश के घोड़े के साथ सोभा यात्रा निकाली गई मले में सोभा यात्रा के साथ मेला कमेटी के साथ ग्राम प्रधान रामरतन रविकर क्षेतृ पंचायत सदस्य मान सिंह यादव पंडित सूर्यकांत शास्त्री सुदामा सास्त्री संतोष वर्मा राजपूत यादव एवम् समस्त ग्राम वासियों सहित पावा चौकी प्रशासन सहित चौकी प्रभारी एवम् भारी संख्या में महिला प्रशासन मौजूद रहा.