ढीमरखेड़ा एवं सिलौड़ी क्षेत्र में धड़ल्ले से चल रही अवैध पैकारियां

Aanchalik Khabre
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रमेश कुमार पाण्डे

ज्यादा दाम में धड़ल्ले से बेची जा रही शराब

जिला कटनी – प्रदेश सरकार ने सभी शराब दुकानों से शराब बिक्री होने पर बिल देना अनिवार्य कर दिया है। शासन ने भोपाल मुख्यालय से इस संबंध में आदेश भी जारी किए हैं। इसके बावजूद ग्रामीण क्षेत्र की शराब दुकानों में शासन के आदेश को लागू कराने के प्रयास में आबकारी विभाग के पसीना छूट रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों की शराब दुकानों में न तो रेट लिस्ट लगी है और न ही बिल दिया जा रहा है। ढीमरखेड़ा, सिलौड़ी एवं खमतरा शराब दुकान से आज भी एमआरपी से 50 से 100 रुपये अधिक कीमत पर शराब बेची जा रही है।
वहीं गांव गांव शराब पैकारियों के जमावाड़े पर रोक लगाने में कटनी जिले के संबंधित जिम्मेदार अधिकारी नाकाम नजर आ रहे हैं। आपको बता दें लगातार क्षेत्रीय लोगों ने अवैध शराब पैकारियों को बंद कराने में संबंधित जिम्मेदार अधिकारियों के पास शिकायतों की ब्योछार लगा दी गई है किन्तु शिकायतों का असर नाम मात्रा के लिए नहीं हुआ है। खास बात यह है कि क्षेत्रीय लोगों में संबंधित जिम्मेदारों पर सवाल खड़े हो रहे हैं की कमीशनखोरी के चलते अवैध शराब पैकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही है। अब देखना होगा कि मध्य प्रदेश सरकार इस मामले को लेकर क्या कदम उठाए जा रहे हैं।

शिकायतों का असर नहीं ग्रामीण बताते हैं कि प्रदेश सरकार ने वाहवाही लूटने के लिए शराब दुकानों में बिल अनिवार्य का आदेश तो जारी कर दिया, लेकिन इसे जमीनी स्तर पर लागू करवाने में आबकारी के अधिकारी नाकाम हैं। सैकड़ों शिकायत होने के बाद भी अंजान बने हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में शराब पीने वालों को हर ब्रांड की बोतल, हाफ-क्वार्टर खरीदने के लिए 50 से 100 रुपये अधिक देना पड़ रहा है। शराब माफियाओं के सामने प्रशासनिक अधिकारी बेबस नजर आ रहे हैं, तो ग्राहक किससे शिकायत करे? शराब दुकान के कर्मचारी बिल ही नहीं देते हैं मांगने पर कहते हैं कि ऊपर से बिल नहीं आ रहे हैं। परन्तु सवाल यह है की अधिकारी कुंभकरण निद्रा में सो रहे हैं।अधिकारियों को जांच करने का समय ही नहीं हैं।ढीमरखेड़ा,सिलौड़ी एवं खमतरा दुकान में रेट लिस्ट नहीं लगी। लंबे समय से समाचार पत्र के माध्यम से आबकारी विभाग एवं पुलिस विभाग को अवगत कराया जाता है लेकिन आबकारी विभाग व पुलिस विभाग द्वारा कोई कार्यवाही न करना विभाग संदेह के घेरे में हैं। ढीमरखेड़ा, सिलौड़ी एवं खमतरा में अंग्रेजी और देशी शराब की दुकानों में शराब और बियर के निर्धारित मूल्य से अधिक के दाम वसूले जा रहे हैं। इससे शराब के शौकीनों की जेब पर अतिरिक्त बोझ तो पड़ ही रहा है साथ ही सरकार को भी राजस्व क्षति पहुंच रही है। पूरी जानकारी के बावजूद आबकारी अधिकारी खामोश बैठे है।शराब की बोतलों और बियर के निर्धारित मूल्य से अधिक दाम वसूलने का खेल ढीमरखेड़ा, सिलौड़ी एवं खमतरा में पिछले लंबे समय से चल रहा है। सिलौड़ी में स्थिति सर्वाधिक खराब है।

यहां पर 300 रुपये मूल्य की शराब के 350 रुपये और 80 रुपए मूल्य की बियर के 110 रुपये वसूले जा रहे हैं। अलग अलग ब्राड की शराब में प्रिंट मूल्य से अधिक के दाम लिए जाते हैं। अधिक दामों को लेकर आए दिन ग्राहकों की झड़प होती रहती है, लेकिन शराब के शौकीनों को मजबूरी में अधिक दाम देने पड़ते हैं। शराब की कई दुकानों में रेट लिस्ट तक नहीं लगाई गई है। इतना ही नहीं सरकार द्वारा शराब की दुकानों के खुलने और बंद होने का समय निर्धारित किया गया है। परंतु यहां पर यह नियम कोई मायने नहीं रखते हैं। इन दुकानों में कभी भी शराब मिल जाती है। शराब की दुकानों के बाहर रेट लिस्ट लगाना आवश्यक है। आबकारी विभाग की मिलीभगत से सुरा प्रेमियों को इन दिनों शराब की दुकानों पर एमआरपी से अधिक दाम चुकाकर शराब खरीदना पड़ रही है। अधिक कीमत वसूलने को लेकर शराब की दुकानों पर सुरा प्रेमियों और शराब दुकानदारो से झगड़े फसाद भी होने लगे हैं। शराब ठेकेदार दुकानों पर शराब प्रिंट रेट से अधिक दामों पर बेच रहे हैं। इतना ही नहीं शराब की कई दुकानों पर तो रेट सूची तक नहीं लगी है जबकि नियमानुसार शराब की दुकानों पर रेट सूची चस्पा करना जरूरी है। अगले अंक पर भी अवैध शराब पैकारियों की खुलेगी पोल।

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