गुरसराय, झाँसी: क्रिकेट का जुनून सिर्फ़ बड़े लोगों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह छोटे-छोटे नन्हे प्रशंसकों के दिलों में भी गहरी पैठ रखता है। ऐसा ही कुछ देखने को मिला उत्तर प्रदेश के झाँसी जनपद के सरकारी विद्यालय कम्पोजिट विद्यालय राजापुर, ब्लॉक गुरसराय में, जहाँ बच्चों ने भारत की जीत के लिए दिल से प्रार्थना की थी। जब भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चैम्पियंस ट्रॉफी 2025 का सेमीफाइनल मुकाबला खेला जा रहा था, तब इस विद्यालय के नन्हे छात्र-छात्राएँ पूरे जोश और उमंग के साथ भारतीय टीम की जीत की दुआ कर रहे थे।
मैच के पहले ही बच्चों ने भविष्यवाणी कर दी थी कि भारत यह मैच जीतकर फाइनल में प्रवेश करेगा। उनकी इस मासूम दुआ को जैसे ऊपरवाले ने सुन लिया और अंततः भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 4 विकेट से हराकर न सिर्फ सेमीफाइनल जीता, बल्कि 2023 के वर्ल्ड कप फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के हाथों मिली हार का बदला भी ले लिया।
विद्यालय में दिखा जश्न का माहौल
भारत की शानदार जीत के बाद विद्यालय में जश्न का माहौल देखने लायक था। विद्यालय में कार्यरत नवाचारी शिक्षक मोहनलाल सुमन ने जीत की खुशी में बच्चों को मिठाई बाँटी और सभी का मुँह मीठा कराया। बच्चों में खुशी की लहर थी और उन्होंने स्कूल परिसर में भारत माता की जय और टीम इंडिया के समर्थन में नारे लगाए।
विद्यालय के प्रधानाध्यापक रामनरेश त्रिपाठी ने इस मौके पर कहा,
“हमारे बच्चे क्रिकेट को बहुत पसंद करते हैं। जब भारत का कोई अहम मुकाबला होता है, तो वे पूरे मन से उसकी जीत की दुआ करते हैं। हमें गर्व है कि उनकी सच्ची श्रद्धा और देशभक्ति का असर देखने को मिला। यह जीत पूरे देश के लिए गर्व का क्षण है, और हमें खुशी है कि हमारे बच्चों ने इसमें अपनी ऊर्जा लगाई।”
हम बच्चों को सिर्फ़ पढ़ाई ही नहीं, बल्कि खेलों की अहमियत भी समझाते हैं। यह देखकर बहुत अच्छा लगा कि वे क्रिकेट को लेकर इतने जुनूनी हैं और भारत की जीत के लिए इतना उत्साहित थे। उनकी दुआएँ रंग लाई और भारत ने जीत हासिल की।”
विद्यालय के कक्षा 5 के छात्र आर्यन ने कहा,
हमने भारत के लिए दुआ की थी और जब जीत मिली तो हमें बहुत खुशी हुई। अब हम फाइनल के लिए भी दुआ करेंगे कि भारत ट्रॉफी जीते।”
वहीं, कक्षा 4 की नेहा ने उत्साहित होकर कहा,
हम सभी ने टीवी पर मैच देखा और जब भारत जीता तो हम खुशी से उछल पड़े। हमें बहुत अच्छा लगा कि हमारी टीम जीत गई।”
विद्यालय की शिक्षिका संगीता शर्मा ने कहा कि बच्चों में क्रिकेट के प्रति जो जुनून है, वह काबिल-ए-तारीफ है। उन्होंने बताया कि बच्चों ने खुद से यह इच्छा जताई थी कि वे भारत के लिए प्रार्थना करेंगे। उन्होंने कहा,
“जब छोटे बच्चे किसी चीज़ को लेकर इतना समर्पित होते हैं, तो वह बात अपने आप में बहुत प्रेरणादायक बन जाती है। यह बताता है कि खेल का बच्चों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है और वे इससे राष्ट्रप्रेम की भावना सीखते हैं।”
सेमीफाइनल मुकाबले में भारत और ऑस्ट्रेलिया की टीमें आमने-सामने थीं। मैच की शुरुआत में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने मजबूत प्रदर्शन किया, लेकिन भारतीय गेंदबाजों ने शानदार वापसी की और विपक्षी टीम को सीमित स्कोर पर रोक दिया। इसके बाद भारतीय बल्लेबाजों ने सधे हुए अंदाज में लक्ष्य को प्राप्त किया और टीम को जीत दिलाई।
भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 4 विकेट से मात दी और इसके साथ ही 2023 वर्ल्ड कप फाइनल में मिली हार का बदला भी ले लिया। इस मैच में विराट कोहली, शुभमन गिल और जसप्रीत बुमराह ने बेहतरीन प्रदर्शन किया। बुमराह ने गेंदबाजी में कमाल दिखाते हुए महत्वपूर्ण विकेट झटके, जबकि विराट और गिल ने बल्लेबाजी में अहम भूमिका निभाई।
इस जीत के साथ भारत ने फाइनल में प्रवेश कर लिया और अब पूरे देश की निगाहें फाइनल मुकाबले पर टिक गई हैं। भारत का अगला मुकाबला किस टीम से होगा, यह देखने लायक होगा।
यह घटना यह भी दर्शाती है कि खेल बच्चों के जीवन में कितनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सरकारी विद्यालयों में संसाधनों की कमी के बावजूद बच्चों में खेलों के प्रति इतना जोश और लगाव होना यह दर्शाता है कि खेल केवल मनोरंजन का साधन नहीं बल्कि मानसिक और शारीरिक विकास का भी एक जरिया है।
विद्यालय के एक अन्य शिक्षक अमित कुमार सिंह ने कहा,
बच्चे खेल से अनुशासन, टीम वर्क और संघर्ष की भावना सीखते हैं। क्रिकेट के प्रति उनका प्यार यह दिखाता है कि अगर उन्हें सही अवसर दिए जाएँ, तो वे भी बड़े स्तर पर अपना योगदान दे सकते हैं।”
विद्यालय प्रशासन अब सोच रहा है कि बच्चों को क्रिकेट खेलने के लिए और भी बेहतर संसाधन उपलब्ध कराए जाएँ, ताकि उनका उत्साह और अधिक बढ़े।
अब जब भारत फाइनल में पहुँच चुका है, तो विद्यालय के बच्चे फिर से जीत की दुआ कर रहे हैं। उनका कहना है कि जैसे उनकी पिछली दुआ सच साबित हुई, वैसे ही इस बार भी भारत विजेता बनेगा।
विद्यालय के बच्चे और शिक्षक संपूर्ण टीम इंडिया के समर्थन में एकजुट हैं और सभी को उम्मीद है कि भारत इस बार ट्रॉफी अपने नाम करेगा।
प्रधानाध्यापक रामनरेश त्रिपाठी ने कहा
“हमने सेमीफाइनल के लिए बच्चों के साथ मिलकर प्रार्थना की थी और अब हम फाइनल के लिए भी यही करेंगे। हमारा विश्वास है कि टीम इंडिया हमें एक और जीत का तोहफा देगी।
अब पूरे देश के साथ-साथ राजापुर के इस छोटे से सरकारी विद्यालय के नन्हे प्रशंसक भी भारत के फाइनल जीतने की दुआ कर रहे हैं। क्या उनकी मासूम दुआ एक बार फिर सच होगी? यह देखने के लिए सबको फाइनल मुकाबले का इंतजार रहेगा!