खाने के लालच में बंदर ने गवाई अपनी जान-आंचलिक ख़बरें-मुकेश जैन

News Desk
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झलोन – सागर जबलपुर स्टेट हाईवे 15 मार्ग के बीच झलौन से लेकर तेंदूखेड़ा तक के जंगलों में मानव हस्तक्षेप के कारण प्रकृति का संतुलन बिगड़ रहा है खाने के लालच में बंदरों के झुंड बाहर आ रहे हैं जिससे रोज एक दो बंदरों की मौत हो रही है महाराणा प्रताप संघ लगातार पर्यावरण सुरक्षा को लेकर चिंता जता रहा है और पर्यावरण संरक्षण हेतु लगातार कुछ न कुछ प्रयास कर रहा है बताया जा रहा है कि हाईवे पर चलते राहगीरों द्वारा ऐसे कार्यों को अंजाम दिया जा रहा है जिससे प्राकृतिक वातावरण में असंतुलन पैदा हो रहा है एक और वनों का विनाश उच्च स्तर पर हो रहा है दूसरी और वन्यजीवों का दुर्घटना के माध्यम से बहुत ज्यादा हिरास हो रहा है साथ ही वनों को सड़क के किनारे पॉलिथीन के माध्यम से प्रदूषित किया जा रहा है इस मार्ग से वाहनों से गुजरने वाले लोग पॉलिथीन में बंदरों को कुछ दाना रखकर व अन्य खाद्य सामग्री वाहनों से झांक कर सड़क पर ही डालते हैं जिससे जंगल के सभी बंदर उसी दाना के चक्कर में पूरे दिन सड़क किनारे तथा सड़कों पर चक्कर लगाते रहते हैं इसी कारण हर रोज एक या दो बंदर दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं साथ ही मानव को भी दुर्घटना का सामना करना पड़ता है वन विभाग वालों से महाराणा प्रताप संघ पहले भी अपील कर चुका है और अब भी लगातार अपील करता है कि साइन बोर्डों के माध्यम से या अन्य किसी माध्यम से उपरोक्त घटनाओं पर रोक लगाने का प्रयास करना चाहिए क्योंकि वह जो भी खाद्य सामग्री लाते उसे पॉलिथीन में रखकर वन्यजीवों को डालते हैं जिससे सड़कों के किनारे पर भारी मात्रा पॉलिथीन डली हुई है यही पॉलिथीन के माध्यम से वन प्रदूषित होता है संघ के द्वारा यहां पर सफाई अभियान भी चलाया जा चुका है पॉलिथीन के माध्यम से वनों में आग लगने की संभावना अधिक रहती है जिससे वनों का विनाश होते देर नहीं लगती है जहां एक ओर पॉलिथीन रूपी कचरे से वनों और वन्य प्राणियों को नुकसान पहुंचने लगा है वहीं वनों में अवैध कटाई व खनन से भी जंगलों का संतुलन बिगड़ रहा है दमोह की प्राकृतिक छटा बरकरार रखने के लिए युवाओं का यह समाजसेवी लगातार प्रयास कर रहा है ओर वन विभाग से यह मांग की जाती है कि वनों का विनाश रोकने के लिए लोगों द्वारा पॉलीथिन का प्रयोग न किया जाए इस संदर्भ में वन विभाग को जागरूकता अभियान चलाया जाना चाहिए महाराणा प्रताप संघ का कहना है कि जंगलों को बचाने के लिए शहरी तथा ग्रामीण स्तर पर कार्यक्रम किए जाने चाहिए लेकिन जन जागरूकता के आयोजन आयोजन ऐसे स्पॉट पर किये जाने चाहिए जहां से पर्यावरण और प्रकृति का सुधार संभव हो सके।आज महाराणा प्रताप संघ के संस्थापक एवं अध्यक्ष पुष्पेंद्र सेन को जैसे ही बंदर का मृत शरीर सड़क पर पड़ा हुआ मिला तो उसको ससम्मान सड़क के किनारे ले जाकर उसका अंतिम संस्कार कर नमन किया और दुख जताया।।

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