सिंगरौली /भरसेडी ग्राम पंचायत करवाही रेत खादान से रेत लोड कर जाती हैं ट्रेक टीपी रैला खादान से कटता हैं और लोडिंग करवही खादन से हो रही हैं। आज डेढ़ माह से ऊपर हो रहा है इस तरह चल रह जिले में रेत माफियाओं बोल वाला इसिलिये कहते हैं लोग, सइयां भैय कोतवाल तो काहे का डर,,? जब जिल प्रशासन मूक है तो आर, के, टीसी, कांनटेकश कंपनी का बोलवाला तो रहेगा ही चाहे जहां से रेत उठाएं और टीपी कही का भी काट कर दे दे कोई फर्क नहीं पड़ता, अधाधुन्ध के राज्य में कब लागेगी लागाम, जब वहाँ पर्ची काटने वाले से बात किया रेत कितने रुपये घन मीटर दे रहे हैं तो बतया गया की बारह हजार रुपये में एक हैवा दस चक्का वाले वाहन मे देते हैं और जब पूछा गया कि कितने घन मीटर दे रहे तो बतया की 2400 सौ रुपये ट्रेक्टर ट्राली रेत दे रहा हूँ। रेत की सरकारी गाइडलाइन क्या कहती हैं सब पानी मे बाहा दिए और अपने मन मर्जी से रेट लगा कर लूटने में तुले हुए हैं। इतना ही नहीं रेत खादान में तो कोई पारदर्शिता ही नहीं खदान कि सीमा से चार गुना ज्यादा रेत की निकासी हो चुकी है पानी के वाहाव से पीसी पोकलेन से धडल्ले से लोडिंग भी चल रहा हैं स्वाभाविक है कि जब पानी से रेत निकलेगी तो जल स्तर का श्रोत भी नीचें जाएगा पर इनको कोई फर्क नहीं पड़ता,भले ही पानी के लिए त्रहिम कोहराम मचा रहता है। एक एक बूंद पानी के लिए भटकते फिरते हैं लोग। रेत माफियाओ की भ्रष्टाचार से लगता हैं सिंगरौली जिले भी नम्बर एक है चल रहा। सरकार के लाख प्रयास के बाद भी बे पटरी पर चल रही है रेत माफियाओ का राज कब लगेगी लगाम ऐ तो भगवान भरोसे है।