Iran Nuclear Test: ईरान बहुत जल्द न्यूकिलियर पॉवर बनने वाला दसवां देश बन जाएगा। ईरान के इस कदम से मिडिल ईस्ट में तबाही मच सकती है।
Iran Nuclear Power: अमेरिका और इजराइल के नाक के तले ईरान ने परमाणु बम की टेस्टिंग कर दुनिया में खलबली मचा दी है। अमेरिका को जिस बात का डर था कि कहीं ईरान परमाणु बम ना बना ले। उसे तेहरान ने कर दिखाया। ईरान के परमाणु बम की टेस्टिंग के बाद अब मिडिल ईस्ट बारूद के ढेर पर खड़ा हो गया है। मिडिल ईस्ट में अब अमेरिका और इजराइल की दादागिरी ईरान नहीं चलने देगा। इंटरनेशनल एटामिक एनर्जी एजेंसी ( IAEA) ने खुलासा किया है कि ईरान ने परमाणु बम बनाने की दिशा में कई परीक्षण किए हैं। ईरान ने हथियार में इस्तेमाल होने वाले यूरेनियम के भंडार को 60% तक बढ़ाया है। IAEA ने कहा हमारी रिपोर्ट के मुताबिक फरवरी में ईरान का यूरेनियम भंडार 133.8 किलो था। वहीं मई में 408.6 किलोग्राम हो गया। जानकार मानते है कि ईरान अब मिडिल ईस्ट में मनमानी करेगा। वो अमेरिका और इजराइल के साथ – साथ साउदी अरब को भी चुनौती देगा।
IAEA टीम से कहां हुई चूक
यह बात सच है कि ईरान पिछले दो दशकों से परमाणु बम बनाने के लिए बड़ी मशक्कत कर रहा था। इसलिए उसने साल 2015 में अमेरिका के साथ परमाणु डील भी की थी। इजराइल इरान के परमाणु परीक्षण से चिंतित हो गया है। इजराइली अखबार जेरुशल्म पोस्ट के अनुसार IAEA की टीम ने साल 2020 में ईरान के परमाणु के ठिकानों का दौरा किया था। लेकिन ये टीम बंकर तक नहीं पहुंच पाई थी। जहां से ईरानी वैज्ञानिक सबकुछ कंट्रोल कर रहे थे। लेकिन कुछ समय बाद ईरान ने सभी बंकरों को नष्ट कर दिया। तब यह दावा किया गया था कि ईरान के पास 10 परमाणु बम बनाने की सामग्री उपलब्ध है।
वहीं ईरान ने 2023 में फरवरी से जुलाई के बीच दो टेस्ट किए थे। ये इंप्लोजन टेस्ट थे। इस तकनीक से परमाणु बम के कोर को ब्लास्ट करने में उपयोग किया जाता है। इसके बाद तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने ईरान को धमकी दी। जिसके बाद ईरान ने कार्यक्रम को शिथिल कर दिया। साल 2015 में अमेरिका और पश्चिमी देशों के साथ मिलकर ईरान ने परमाणु कार्यक्रम पर प्रतिबंध लगा दिया। लेकिन डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान ईरान के साथ परमाणु समझौते से खुद को अलग कर लिया। ईरान को यह बात पसंद नहीं आई। उसने परमाणु कार्यक्रम में तेजी लाई। और दो दिन पहले टेस्टिंग कर दुनिया को चौंका दिया।
अमेरिका ने ईरान को ललकारा
ईरान ने परमाणु टेस्टिंग ऐसे समय पर की है। जब अमेरिका और तेहरान न्यूक्लियर डील पर बातचीत को लेकर सकारात्मक संदेश दे रहे हैं। दोनों देश बातचीत के बहुत करीब पहुंच गए हैं। लेकिन ईरान ने परमाणु बम की टेस्टिंग करके विवाद को नया जन्म दे दिया है। ईरान के इस कदम से मिडिल ईस्ट में तबाही हो सकती है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के परमाणु टेस्टिंग के बाद कहा कि अगर ईरान के साथ न्यूक्लियर डील बातचीत नाकाम रही तो अमेरिका बिना देरी किए ईरान के सभी परमाणु केंद्र तबाह कर देगा। फिर चाहे मिडिल ईस्ट जंग की आड़ में खंडहर क्यों ना बन जाए। ईरान के परमाणु परीक्षण से पहले अमेरिका ने हिंद महासागर में डिएगो गार्सिया द्वीप पर अपनी सैन्य तैनाती बढ़ा दी थी। अमेरिका के लिए डिएगो गार्सिया द्वीप एक सैन्य रणनीतिक अड्डा है। अमेरिका ने ईरान पर दबाव बनाने के लिए सैन्य तैनाती की थी।
अमेरिका – इजराइल के पास क्या बचा है विकल्प
अभी तक मिडिल ईस्ट में इजराइल इकलौता देश था। जिसके पास परमाणु हथियार है। अब ईरान बहुत जल्द इस कड़ी में जुड़ने वाला है। ईरान ने साफ कहा है कि वो परमाणु बम सिर्फ ग्रह युद्ध के लिए बना रहा है। लेकिन अगर इजराइल और अमेरिका ने हमारे परमाणु ठिकानों पर हमला किया तो हम चुप नहीं बैठेंगे। ईरान और अमेरिका के बीच जारी बहस की मध्यस्थता ओमान कर रहा है। इजराइल कह चुका है कि हमला तब तक नहीं करेंगे जब तक बातचीत नही होगी। मिडिल ईस्ट में अपनी धाक जमाए बैठे अमेरिका और इजराइल को डर सताने लगा है। कि ईरान की मजबूती मिडिल ईस्ट में अमेरिका की पकड़ कमजोर कर सकती है। वहीं ईरान ने परमाणु हथियार बनाने में तेजी लाई है। कुछ हफ्तों में ईरान परमाणु हथियार बनाने के लिए तकनीक क्षमता तैयार कर सकता है। उधर अमेरिका यह भी पता लगा रहा है कि ईरान का साथ कौन दे रहा है
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