ISRO क्या है?
ISRO यानी Indian Space Research Organisation (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) भारत की राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी है, जो अंतरिक्ष विज्ञान, उपग्रह प्रक्षेपण, और अनुसंधान में कार्य करती है। यह संगठन भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत आता है।
-
मुख्यालय: बेंगलुरु, कर्नाटक
-
स्थापना: 15 अगस्त 1969
-
संस्थापक: डॉ. विक्रम साराभाई
-
वर्तमान चेयरमैन (2025): एस. सोमनाथ
ISRO की स्थापना कैसे हुई?
1950 और 60 के दशक में, जब भारत तकनीकी रूप से पिछड़ा था, तब डॉ. विक्रम साराभाई ने यह सपना देखा कि भारत भी अंतरिक्ष में अपनी पहचान बना सकता है।
1962 में भारत सरकार ने INCOSPAR (Indian National Committee for Space Research) की स्थापना की, जिसकी अगुवाई विक्रम साराभाई ने की।
1969 में इसे ISRO के रूप में स्थापित किया गया, और यह धीरे-धीरे NASA, Roscosmos और ESA जैसी बड़ी स्पेस एजेंसियों की कतार में आ गया।
ISRO के प्रमुख मिशन और प्रोजेक्ट
1. SLV (Satellite Launch Vehicle) – पहला रॉकेट
-
वर्ष: 1980
-
ISRO ने भारत का पहला उपग्रह रोहिणी-1 को कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित किया।
2. INSAT Series
-
भारत की मौसम, टेलीविजन और संचार प्रणाली को मजबूत करने वाला उपग्रह नेटवर्क।
3. IRS Series (Indian Remote Sensing Satellite)
-
कृषि, जलवायु, पर्यावरण और आपदा प्रबंधन के लिए उपयोगी।
4. PSLV (Polar Satellite Launch Vehicle)
-
ISRO का सबसे सफल रॉकेट जिसने 300+ विदेशी और भारतीय उपग्रहों को कक्षा में पहुँचाया।
5. GSLV (Geosynchronous Satellite Launch Vehicle)
-
भारी सैटेलाइट्स को GEO कक्षा में भेजने के लिए प्रयोग होता है।
चंद्रयान मिशन
Chandrayaan-1 (2008):
-
भारत का पहला चंद्र मिशन।
-
चंद्रमा पर पानी के अणुओं की खोज की – एक ऐतिहासिक सफलता।
Chandrayaan-2 (2019):
-
ऑर्बिटर सफल रहा लेकिन लैंडर ‘विक्रम’ चंद्रमा पर लैंड नहीं कर सका।
Chandrayaan-3 (2023):
-
भारत बना दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करने वाला पहला देश।
-
विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर ने डेटा भेजकर बड़ी उपलब्धि हासिल की।
मंगलयान (Mangalyaan / Mars Orbiter Mission)
-
वर्ष: 2013
-
भारत बना पहला देश जिसने पहली ही कोशिश में मंगल ग्रह तक सैटेलाइट भेजा।
-
यह सबसे कम लागत वाला मंगल मिशन रहा (लगभग ₹450 करोड़)।
अन्य प्रमुख मिशन
मिशन | वर्ष | उद्देश्य |
---|---|---|
Astrosat | 2015 | भारत का पहला खगोलीय वेधशाला (Space Observatory) |
RISAT Series | 2019+ | रडार इमेजिंग सैटेलाइट्स |
Gaganyaan (आने वाला) | 2025 (Target) | भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन |
Aditya-L1 | 2023 | सूर्य का अध्ययन करने वाला मिशन |
Gaganyaan Mission: भारत का पहला मानव मिशन
-
उद्देश्य: भारत के अंतरिक्ष यात्री (Vyomnauts) को पृथ्वी की कक्षा में भेजना।
-
लॉन्च लक्ष्य: 2025
-
सहयोग: ISRO + HAL + DRDO + भारतीय वायुसेना
Aditya L1: सूर्य की ओर भारत की उड़ान
-
उद्देश्य: सूर्य के बाहरी वातावरण (Corona) का अध्ययन।
-
स्थिति: सफलतापूर्वक लॉन्च (2023)
-
स्थान: Lagrange Point 1 (सूर्य-पृथ्वी के बीच एक संतुलित गुरुत्वाकर्षण बिंदु)
अंतरराष्ट्रीय सहयोग
-
USA (NASA): Chandrayaan और NISAR जैसे प्रोजेक्ट में सहयोग।
-
France (CNES): Oceansat और अन्य सैटेलाइट सहयोग।
-
Russia, Israel, UK, South Korea: तकनीकी सहयोग और साझा उपग्रह मिशन।
ISRO का बजट बनाम उपलब्धियाँ
तुलना | NASA | ISRO |
---|---|---|
वार्षिक बजट | ~$25 बिलियन | ~$2 बिलियन |
सफलता दर | 95%+ | 95%+ |
लागत प्रति लॉन्च | बहुत अधिक | सबसे कम लागत वाली स्पेस एजेंसी |
ISRO ने विश्व को दिखा दिया कि “कम लागत में उच्च गुणवत्ता” भी संभव है।
ISRO की आने वाली योजनाएँ
-
Gaganyaan (मानव मिशन)
-
Shukrayaan (Venus मिशन)
-
Reusable Launch Vehicle (पुन: प्रयोग करने योग्य रॉकेट)
-
Space Station by 2035
-
Mars Human Mission (2040 तक लक्षित)
ISRO में वैज्ञानिकों का योगदान
-
डॉ. विक्रम साराभाई: ISRO के पितामह
-
डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम: मिसाइल मैन और SLV कार्यक्रम के मुख्य वैज्ञानिक
-
डॉ. के. सिवन: Chandrayaan-2 के समय के प्रमुख
-
एस. सोमनाथ: वर्तमान चेयरमैन (2025)
ISRO से हमने क्या सीखा?
-
कम संसाधन, बड़ा सपना
-
विफलताओं से डरे बिना लगातार सुधार करना
-
आत्मनिर्भर भारत की असली पहचान
-
वैज्ञानिक सोच और नवाचार
निष्कर्ष: ISRO क्यों है भारत का गर्व?
ISRO ने सिर्फ रॉकेट नहीं उड़ाए, बल्कि करोड़ों भारतीयों की उम्मीदें, स्वाभिमान और आत्मविश्वास को ऊंचाई दी।
यह संस्था न सिर्फ एक वैज्ञानिक संगठन है, बल्कि यह “भारत के आत्मनिर्भर भविष्य का इंजन” बन चुकी है।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
Q1. ISRO की स्थापना कब और किसने की थी?
→ 15 अगस्त 1969 को डॉ. विक्रम साराभाई ने की।
Q2. ISRO का पहला उपग्रह कौन सा था?
→ आर्यभट्ट (1975), जिसे रूस से लॉन्च किया गया था।
Q3. क्या ISRO अब अंतरिक्ष यात्रियों को भेजेगा?
→ हां, Gaganyaan मिशन के तहत 2025 तक भारत का पहला मानव मिशन होगा।
Q4. ISRO की सबसे बड़ी सफलता कौन सी रही है?
→ Mangalyaan, Chandrayaan-3 और PSLV-C37 जिसमें एक साथ 104 सैटेलाइट लॉन्च किए गए।
Q5. ISRO की भविष्य की योजना क्या है?
→ Shukrayaan, Space Station, Reusable Rocket और मंगल पर मानव भेजना।
Also Read This – इंसान Milky Way Galaxy से बाहर जा सकता है?