आज निवास पर आयुष्मान भारत योजना की समीक्षा बैठक की। आयुष्मान भारत योजना में किसी भी तरह का फर्जीवाड़ा बर्दाश्त नहीं होगा। योजना में फर्जीवाड़ा करने वालों को जेल भेजने की कार्रवाई होगी। प्रदेश में आयुष्मान भारत योजना में घोटाला नहीं चलने देंगे। यह मरीजों और सरकार के साथ धोखा है। घोटाला करने वालों की केवल गिरफ्तारी ही नहीं, बाकी अन्य गतिविधियों की भी जांच होगी। निजी अस्पतालों की स्वास्थ्य विभाग द्वारा दल बनाकर जांच कराई जायेगी। संदिग्ध पाये गये अस्पतालों में मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान की राशि नहीं दी जायेगी। कॉल सेंटर एक्टिव रहें। मरीजों से पूछताछ करें, भर्ती हैं या नहीं।
प्रदेश के 27 अस्पतालों में कमियां निकल कर सामने आई हैं, जिन पर कड़ी कार्यवाही करें और आगे ऐसा न हो; यह सुनिश्चित करें। बैठक में बताया गाया कि उपचार में गुणवत्ता का ध्यान रखे जाने का भी परीक्षण कराया गया। जांच में पाया गया कि कतिपय अस्पतालों द्वारा आवश्यकता के विपरीत मरीजों को भर्ती किया गया। फर्जी मरीजों के दस्तावेज पोर्टल पर सबमिट किए। टीम द्वारा सभी प्रकरणों द्वारा एफआईआर एवं उचित विधिक कार्यवाही कराई गई। अयुष्मान भारत मध्यप्रदेश द्वारा ऐसे समस्त अस्पतालों को जो योजना का दुरूपयोग कर रहे हैं, उन्हें योजना से असम्बद्ध करने की कार्यवाही की जा रही है। इसके साथ ही उन्होंने सतना में गुंडा किस्म के लोग जो घर में घुसकर दूसरे घर पर तोड़फोड़ और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं चाहे नेता का लड़का हो या डॉक्टर रामानंद का त्वरित कार्रवाई के निर्देश डीजीपी को दिया है पर्यावरण को हानि किसी प्रकार से ना पहुंचे.
आयुष्मान भारत योजना में फर्जीवाड़ा बर्दाश्त नहीं.-आंचलिक ख़बरें-मनीष गर्ग
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