महिला काव्य मंच शहडोल ईकाई अप्रैल माह की गोष्ठी हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुई कार्यक्रम की अध्यक्षता इकाई अध्यक्ष अंजू सिंह बघेल ने कि मुख्य अतिथि के रूप में प्रांतीय अध्यक्ष डाॅ प्रीति प्रवीण खरे उपस्थित रहीं। कार्यक्रम का आरंभ अंजू सिंह की सुमधुर वाणी वंदना
“तेरी वीणा की बन जाऊँ तार,
ऐसा दे मुझको माँ वरदान।” से हुआ। कार्यक्रम का संचालन इकाई सचिव शिल्पी सिंह बघेल ने किया एवं स्वागत वक्तव्य इकाई सहसचिव छाया गुप्ता ने किया। प्रांतीयअध्यक्षडाॅ प्रीति प्रवीण खरे ने बहुत ही अद्भुत तरह से सभी की रचनाओं की समीक्षा के साथ-साथ सभी को प्रेरित किया जो बहुत ही मनोरम रहा। इकाई अध्यक्ष अंजू सिंह बघेल ने भी अपने वक्तव्य के द्वारा सबका उत्साहवर्धन किया।
गोष्ठी में सभी बहनों ने काव्य के द्वारा अलग-अलग रंग बिखेरा।
“श्री राम वन गमन पथ की यात्रा काव्य मय।
श्री लंका से अयोध्या तक की यात्रा ध्येय मय।।”
-छाया गुप्ता
“जीवन को गाते देखा है”
– मीनाक्षी सराफ
“मात की अरण्य में, पिता के वचन में।
चल दिए वन ऐसे,राम को नमन है।”
-रागिनी मित्तल
“पुरुषो पर भी हो भारी,
कमजोर कहाँ तुम नारी”
– कीर्ति तिवारी
“लट लटकाए मोहना,मंद मंद मुस्कान।
दे दो अपनी चाकरी,हो जाए कल्यान।। ”
– शिल्पी सिंह बघेल
“चाँद पूछे चाँदनी से,रोज-रोज कहाँ जाएँ।
सांवला-सलोना सा ये रूप तेरा भरमाए।।”
-डाॅ प्रीति प्रवीण खरे
“भारत माँ का वस्त्र तिरंगा,
इतना पावन जैसे गंगा।।”
-अंजू सिंह बघेल
कार्यक्रम समापन शिल्पी सिंह बघेल द्वारा आभार व्यक्त कर किया गया।