शिवप्रसाद साहू
परमसंत सतगुरु स्वामी अनामी महापुरुष बाबा जय गुरूदेव महाराज जी का, 39 दिवसीय काफिला 30 मार्च को अट्ठासी हजार रिश्वमुनियों की तपोभूमि नैमिषारण्य से, दूसरा चरण चला जो1500 किलोमीटर की दूरी, जिसमें 50 कन्याओं व 70-80साल के वृद्धा भी शामिल है, उक्त साइकिल यात्रा उत्तर प्रदेश के11 जिलों में भ्रामण के दौरान, जिला पीली भीत इलाबांस सिमरा में 3 दिवसीय आध्यात्मिक सत्संग जनजागरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के दौरान बाबा जी सत्संग की महिमा को विस्तार पूर्वक बतातें हुए कहा कि, पिछले राज्य नेताओं ने बाबा जी को भलीभांति आजमा लिया हैं। बाबा जी को मार डालने का कितना बड़ा प्रयास किया गया था, यहां तक कि उत्तर प्रदेश के जेल में वे वजह बंद कर दिया गया, बाबा जी ने कहा ये चमड़े का खोल है, इसे तू कही भी बंद कर दे जीवात्मा तो मेरी है, मै इसे निकाल कर कहीं भी ले जाऊंगा, और किसी को भनक तक नहीं पड़ेगी।
बाबा जी का पुतला 6 लाख में बनवाया गया. बाबा जी बता रहे हैं कि, गुरू महाराज जीवित हैं उसी शरीर में ये आधार हमारा है, जो कहते गुरु चले गये. ये दुर्भाग्य तुम्हारा है उन्होंने कहा कि, गुरु महाराज जी के शरीर का जो पुतला बनवा कर लाया गया था, वह 6 लाख रुपए में तीन डॉक्टरों से बनवाया गया था, जिसकी लम्बाई 3.5 फुट की तथा गुरु महाराज जी का शारीर तो 5फुट3 इंच का था. लेकिन ये पुतला भी इनके हाथ नहीं लगी. क्योंकि महापुरुष का पुतला जलाना भी अपमान है. ये कुदरत को भी मन्जूर नहीं था। बाबा जी की कृपा से एक काली आंधी आई बहुत तेज जो पुतला को उड़ा कर ले गई, और वह सुरक्षित रखा है. समय आने पर पुतला भी दिखाया जाएगा।आगे उन्होंने कहा कि, मेंदन्ता हास्पिटल में बाबा जी भर्ती ही नहीं हुए थे,जब गाड़ी का दरवाजा खोला गया तो बाबा जी नदारद थे।
प्रेमियों से खचाखच भरा मैदान.
सत्संग मैदान प्रेमियों से भरा हुआ था जहाँ लगभग50 हजार से ऊपर प्रेमी इकठ्ठे बाबा जी के सत्य बचनों को सुना।बाबा बता रहे हैं कि, आगे आने वाला समय बहुत खराब आ रहा हैं, उसी से बचने बचाने के लिए आध्यात्मिक जनजागरण शाकाहारी का संदेश जन जन तक पहुंचाया जा रहा. ताकि सभी लोग आने वाली बीमारियों से उनका बचाव हो जाय. बाबा जी ने कहा बतना जगाना हमरा काम है. मानो न मानो खुशीआपकी हम तो मुसाफिर हैं कल अपने घर चले जाएगें।