जी हां ! हम बात कर रहे हैं झुंझुनू जिला कलेक्टर रवि जैन की जिनका अभी प्रमोशन के साथ तबादला हुआ है,जो इतने संवेदनशील रहे जनता के लिए साथ में अपने कर्तव्य के लिए कर्तव्यनिष्ठ कि दिन-रात कोई भी समय हो जनता के लिए उनके दरवाजे आधी रात को भी खुले रहते हैं,आखिर उनकी ऐसी सोच को अन्य उच्च अधिकारी प्रेरित होकर यदि अपनाते हैं तो फिर कहा जा सकता है कि प्रशासन जनता के लिए अच्छे दिनों वाला हो सकता है।झुंझुनू जिला कलेक्टर रवि जैन को पदभार संभाले के बाद में जिला कलेक्टर ने शहर के अंदर बहुत से विकास कार्य किए हैं,लेकिन फिर भी बहुत से कार्य अधूरे भी हैं,उनका कारण यह नहीं है कि जिला कलेक्टर उन सभी कार्यों के लिए संवेदनशील नहीं है उसके लिए जिम्मेदार है उनके मातहत अधिकारी और कर्मचारी जो कुंडली मारे बैठे हैं ना कार्य करते हैं ना किसी को करने देते हैं जबकि कलेक्टर जैन का कार्यकाल अब तक का बड़ा शानदार रहा है वह चाहे सड़कों की व्यवस्था की बात हो या चल रहे विकास कार्यों की हो, बरसात के कारण जमा हुए पानी की हो, रुके हुए गंदे नालों की हो वह हर वक्त जाकर एक दफा ही नहीं बार-बार जाकर स्वयं निरीक्षण भी करते हैं और आवश्यक दिशा निर्देश भी। खैर यह तो रही बात उनके प्रशासनिक दायित्व की लेकिन सबसे संजीदा बात 15 सितंबर को झुंझुनू शहर में ज्वेलर्स पर लूटपाट कर गोली चलाने के मामले को लेकर उनकी जानकारी में आई तो वह स्वयं मालूम चलने पर की शहर के अंदर यह घटना घटी है और जयपुर के किसी अस्पताल में उपचाराधीन हैं वह है स्वयं मालूम कर पीड़ित का हाल जानने जयपुर के फोर्टिस अस्पताल पहुंचे थे, और उनके परिजनों से पूरे घटनाक्रम का ब्यौरा लिया और तुरंत आश्वासन दिया हर संभव मदद करने का।जानकारी के अनुसार जिला कलेक्टर के पास हर रोज फरियाद लेकर आने वालों की भीड़ काफी संख्या में बढ़ती दिनों दिन बढ़ती रही है, इससे यह तो स्पष्ट हो जाता है कि जिला कलेक्टर से लोग उम्मीद रखते हैं, वहीं यह भीड़ यह भी दर्शाती है कि अन्य अधिकारी जनता के कामों को कोई तरजीह नहीं देते हैं यदि अन्य अधिकारी ही जनता के काम को तुरंत निपटारा करने में सहयोग करें तो फिर जिला कलेक्टर के पास इतनी लंबी लाइन क्यों लगती। खैर यहां किसी का महिमामंडन करने का कोई उद्देश्य नहीं है लेकिन जो बात सच हो उसे कहने के लिए रुकना भी व्यर्थ हो जाता है।वहीं जनता के हित के कार्यों को उजागर करने से अन्य अधिकारी कर्मचारी भी प्रेरित होते हैं,यहां लिखने का उद्देश्य मात्र इतना ही है कि अन्य अधिकारी कर्मचारी प्रेरित होकर जिला कलेक्टर जैन की कार्यशैली से प्रेरणा लेकर अपना आचरण बदलें तो जनता उन्हें भी सिर माथे पर बिठाने को तैयार हैं।कोई अधिकारी जनता का चहेता कोई यूं ही नहीं हो जाता है उसके लिए उन्हें अपने स्वयं के कार्य भी छोड़ने पड़ते हैं जिला कलेक्टर जैन के पास रात को 12 भी फोन आते थे,जिसका तुरंत निदान करने की कोशिश करते और किए भी हैं रात को किसी एक मोहल्ले में भी लाइट नहीं होती या पीने के पानी की आपूर्ति नहीं होती है तो लोग सीधे जिला कलेक्टर को ही फोन करते कि साहब हमारे मोहल्ले में लाइट नहीं है,पीने का पानी आपूर्ति सही नहीं है,और जिला कलेक्टर जैन करते हैं संबंधित को तुरन्त आदेश।ऐसे कर्तव्यनिष्ठ जिला कलेक्टर का तबादला होना एक सतत प्रक्रिया का हिस्सा है फिर भी झुंझुनू की जनता इन्हें इनके कार्यो के लिए सदैव याद रखेगी।
यूं ही नहीं बन जाता कोई जनता का चहेता कलेक्टर-आंचलिक खबरे-संजय सोनी
