राष्ट्रीय और प्रादेशिक स्तर पर सांगठनिक मजबूती, सशक्त विपक्ष के तौर पर कांग्रेस पार्टी कि अनुषांगिक इकाई के तौर पर सशक्त विपक्ष के रूप में महिला कांग्रेस की भूमिका, मौजूद दौर में वर्तमान सरकार की नाकामी, कोविड काल में सरकार की अकर्मण्यता और संवेदनशीलता, एवं बेलगाम मंहगाई के दौर में किये जा रहे प्रतिरोधात्मक कार्यकम की समीक्षा और आगामी कार्यक्रम की रूपरेखा के संदर्भ में बिहार प्रदेश महिला कांग्रेस की राज्य कार्यकारिणी की बैठक वर्चुअल तरीके से प्रदेश अध्यक्ष अमिता भूषण की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई।
वृहत स्तर पर आयोजित इस बैठक को महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुष्मिता देव, प्रदेश अध्यक्ष डॉ मदन मोहन झा, प्रदेश प्रभारी श्री भक्त चरणदास, संबोधित किया।
श्रीमती अमिता भूषण ने कोविड काल में असमय काल कलवित लोगों को श्रद्धांजलि देकर कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए बैठक में शामिल लगभग 30 जिले के अध्यक्षों और प्रदेश पदाधिकारियों से सांगठनिक स्थिति की समीक्षा के साथ भविष्य की कार्ययोजनाओं पर विमर्श किया। पूजा त्रिपाठी ने सोशल मीडिया की महत्ता और उसकी उपयोगिता पर जरूरी दिशानिर्देश दिया।
हर एक लोगो की बात सुनने के बाद प्रदेश अध्यक्ष डॉ मदन मोहन झा ने बैठक में शामिल कांग्रेसजनों द्वारा सांगठनिक भागीदारी और गतिविधियों की सराहना करते हुए कहा कि गत बर्षों में महिला कांग्रेस ने अपनी सक्रियता से पार्टी को जो मजबूती प्रदान की है हम आशान्वित हैं कि आगामी 7 से 17 जुलाई के बीच मंहगाई पर आयोजित राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम में महिला कांग्रेस अपनी मजबूत भागीदारी देगी।
प्रदेश प्रभारी भक्त चरण दास ने बताया कि हमने अपने अल्प कार्यकाल में किसान सत्याग्रह यात्रा के दौरान महिला कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का उत्साह देखा है। उन्हें उनकी प्रतिभा , क्षमता और कार्यकुशलता के आलोक में समुचित भागीदारी का मेरा प्रयास होगा।
अंत में राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बैठक में लोगों को अपने विचार से रूबरू कराते हुए उनमें ऊर्जा और उत्साह का संचार किया। सुष्मिता देव ने कहा कि पिछले कुछ सालों में देश जिन चुनौतियों से गुजरा है हम यकीनन लोगों तक अपनी क्षमता के हिसाब से सरकार की उन कमियों को उस स्तर तक नहीं पहुंच पाए।महिला कांग्रेस अपने कार्यकर्ताओं के हौसले पर वहां तक पहुंचने के लिए समन्वय के साथ काम करने को प्रतिबद्ध है।
बैठक में पूर्व अध्यक्ष पूनम पासवान, जया मिश्रा, किरण शर्मा, रीता सिंह, शरबत फातिमा, संयोगिता सिंह, लाछो देवी, सुनीता साक्षी, डॉ अनिता, कंचना सिंह, पूनम झा, आभा पांडे, रंजू सिंह, सीता देवी, स्नेह प्रिय सहित दर्जनों अध्यक्षों और पदाधिकारियों आदि ने विचार व्यक्त किया।