स्वच्छता सर्वेक्षण में कैसे अव्वल बने झुंझुनू …?-आँचलिक ख़बरें-संजय सोनी

News Desk
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परिषद की अकर्मण्यता,आमजन परेशान

झुंझुनू।स्वच्छता मिशन कैसे हो पूरा जब अभियान को पलीता लगाने में शामिल हो नगर परिषद की तानाशाही,जी हां! ये झुंझुनू है आप चाहे देश की राजधानी दिल्ली से प्रदेश की राजधानी जयपुर तक जा रहे हो,जाना पड़ेगा आपको झुंझुनू शहर की चरमराई सफाई व्यवस्था देखते हुए ही जाना पड़ेगा।झुंझुनू आगमन होते ही सबसे पहला जो चौराहा आता है उसे कहा जाता है गुढामोड चौराहा उसके साथ में ही जेके मोदी स्कूल व आर आर मोरारका कॉलेज जिसमें तकरीबन दो हजार से अधिक बच्चे अध्ययन करने हेतु नजदीकी गांव से हर रोज आते हैं।

WhatsApp Image 2020 01 07 at 7.15.29 PMशहर के तमाम स्कूलों की बाल वाहिनी भी यहीं से निकलती हैं।सड़क के साथ सटा हुआ गन्दा नाला नगर परिषद की अकर्मण्यता के कारण बीमारियों को न्यौता दे रहा है वहीं चौराहे पर चैम्बर के पास निकले हुए तीन चार फिट के लोहे के सरिये हादसे को निमंत्रण दे रहे है।कब इनसे दुर्घटना घटे,तब ये हटे शायद इसी इंतजार में है झुंझुनू नगर परिषद।खुले नाले,फैली गंदगी,चैम्बरों का बेतरतीब होना,सड़क पर डाला गया कचरा जिसे आवारा पशु दूर तलक फैलाते रहते है।राहगीरों के साथ ही यहां व्यवसाय करने वालों के साथ यहां आसपड़ोस में रहने वाले लोगों का जीना मुहाल हुआ जा रहा है,वहीं गंभीर बीमारियों के फैलने का सबसे ज्यादा खतरा बना हुआ है।जिला प्रशासन भी किसी माहमारी होने के बाद ही सक्रिय होगा ऐसा महसूस किया जा रहा है।यहां हररोज वाहनों के जाम लगने का कारण भी यह नाला और नगर परिषद की कुव्यवस्था बना हुआ है,लेकिन नगर परिषद के कानों पर जूं तक नहीं रेंगती।देश में चल रहे स्वच्छता सर्वेक्षण में कैसे शामिल होकर अव्वल बने झुंझुनू।एक तरफ नगर परिषद व जिला प्रशासन लोगों को स्वच्छता के लिए प्रेरित करता है वहीं नगर परिषद खुद लापरवाही करने में कहीं पीछे नहीं है।

सड़क किनारे बना बड़ा नाला है,जिनकी यदा-कदा ही सफाई होती है अभी हाल ही में हुए चुनाव के बाद सभापति नगमा बानो चुनी गई है उन्होंने भी अपना पदभार संभाले एक माह से ज्यादा समय हो चुका है।लेकिन अभी तक उन्होंने शहर का भ्रमण कर शहर की स्थिति नहीं जानी है।जिससे शहर की सफाई व्यवस्था की स्थिति स्पष्ट होती है कि शहर सफाई व्यवस्था बद से बदतर हालत में होती जा रहा है।क्योंकि नगर परिषद आयुक्त अन्य ही कामों में व्यस्त है,वहीं वर्षो से कुंडली मारे बैठे अधिकारी व कर्मचारियों को कोई फर्क नहीं पड़ता परिषद में बोर्ड भाजपा का हो या कांग्रेस का।इनकी कार्यशैली कभी नहीं बदली,आमजन को टरकाने में माहिर नगर परिषद के इन कर्मचारियों को आमजन चंडाल चौकड़ी के नाम से जानती है।लेकिन सभापति का शहर की तरफ रुख ना करना अपने आप में एक सवालिया निशान खड़ा करता है,अनदेखी के चलते शहर में आए दिन गुढामोड़ से शहर में प्रवेश करने वाले वाहनों में सवारी कर रहे हजारों यात्री झुंझुनू शहर सफाई कुव्यवस्था को देख अपने नाक,मुंह को ढककर निकलना पड़ रहा है।

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