झुंझुनू में महिला सशक्तिकरण के दावे खोखले-आंचलिक ख़बरें-संजय सोनी

News Desk
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झुंझुनू जिले में महिला सशक्तिकरण को लेकर जिला पुलिस अधीक्षक गौरव यादव द्वारा चलाया जा रहा है हर सप्ताह महिलाओं बच्चियों को जागरूक करने का थाने वार जाकर अभियान। वही बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं कि बच्चियों को अपनी बात खुलकर जिला प्रशासन को विभिन्न माध्यमों से बतानी चाहिए प्रशासन उन पर तुरंत और त्वरित कार्यवाही करके न्याय दिलाया जाएगा। लेकिन चिड़ावा पुलिस थाने में दर्ज हुए मामले से मालूम चलता है कि यह महज खानापूर्ति ही की जा रही है पीड़ित बच्चे भय के मारे स्कूल नहीं जा रहे हैं पीड़ित के मां बाप परेशान हैं वही पीड़ितों का साथ देने आए लोगों को भी उनकी बच्चियों का पूछा जा रहा है मोल।घटनाक्रम के अनुसार आज चिड़ावा पुलिस थाने में इस मामले का एक मुकदमा दर्ज करवाया गया है खुडोत निवासी महेंद्र जांगिड़ ने आरोप लगाया है कि कर्मवीर पुत्र प्रताप सिंह मिठारवाल गांव खुडोत ने फोन पर धमकी की तुम्हारी बच्ची का मोल बताओ और तुम्हारी पत्नी का क्या मोल है। और मैं तुम्हारे घर पर ही हूं यह सुनकर जब महेंद्र जांगिड़ अपने घर गया तो उसकी पत्नी खेल में भैंस को पानी पिलाने गई हुई थी जिसके साथ आरोपी ने बदतमीजी की वह महिला के कपड़े भी फाड़ दिए उक्त प्रकरण में जब महिला भाग कर शोर-शराबा किया तो गांव वाले भी इकट्ठा हो गए जिससे आरोपी कर्मवीर भागने में सफल हो गया लेकिन महेंद्र जांगिड़ परिवार को यह सब इसलिए धमकियां दी जा रही है कि वह कुछ दिनों पूर्व आरोपी के परिवार के कुछ लोगों की द्वारा की गई दो बच्चों जबरन उठाने की शिकायत देने उनके साथ आया था, जिसका खामियाजा उन्हें इन धमकियों के रूप में मिल रहा है और पीड़ित परिवार भयभीत हैं वहीं पूर्व में दर्ज एफआईआर के पीड़ित आज भी 10 दिन गुजरने के बाद भी भयभीत है और बच्चियां स्कूल जाने से महरूम। ऐसे में सवाल उठता है कि जिला पुलिस प्रशासन मैत्री योजना व महिला सशक्तिकरण की अपनी बात को कितना जल्दी सिद्ध कर पायेगी। इन पीड़ितों को त्वरित न्याय दिलाकर मुलजिम को गिरफ्तार कर, सजा मिलने से ही उपयोगी सिद्ध होगी पुलिस प्रशासन की महिला सशक्तिकरण अभियान का सशक्तिकरण

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