स्कूल छोड़ यूरिया लेने पहुंचीं छात्राएं, किसान हो रहे परेशान
– जिले में यूरिया का संकट बरकरार, समितियों में नहीं पहुंच रहा खाद
– कलेक्टर ने जताई यूरिया संकट से अनभिज्ञता, डीएमओ ने कहा एक हेक्टेयर पर दे रहे एक बेग
खरगोन। जिले में यूरिया खाद का संकट हल होने का नाम नहीं ले रहा है। गांव-कस्बों में स्थित सहकारी समितियों में यूरिया नहीं पहुंचने से किसान जिला मुख्यालय पहुंच रहे हैं। यहां गुरुवार को कृषि उपज मंडी में यूरिया लेने के लिए किसानों को लंबी कतार में लगना पड़ा। किसान परिवार की महिलाओं के साथ छात्राएं भी पढ़ाई छोड़कर यूरिया के लिए कतार में देखी गईं।
भाजपा जिला मीडिया प्रभारी प्रकाश भावसार ने बताया एक तरफ प्रदेश सरकार प्रदेश में पर्याप्त मात्रा में यूरिया वितरण का ढिंढोरा पीट रही है वहीं केंद्र सरकार द्वारा यूरिया का कोटा बढ़ाए जाने के बावजूद जिले में किसानों को यूरिया के लिए घंटों लाइन में लगना पड़ रहा है। गुरुवार को जिला मुख्यालय स्थित कृषि उपज मंडी परिसर में मार्कफेड व एमपी एग्रो द्वारा यूरिया वितरण की सूचना मिलने पर हजारों किसान पहुंच गए। लंबी कतार में लगने के बाद भी किसानों को पर्याप्त मात्रा में यूरिया नहीं मिल पाया। मार्कफेड के विक्रय केंद्र पर एक पावती पर दो बेग जबकि एमपी एग्रो द्वारा चार बेग यूरिया का वितरण किया गया।
बढ़ी संख्या में पहुंचे किसानों को उस समय बैरंग लौटना पड़ा जब दोनों विक्रय केंद्र पर यूरिया समाप्त हो गया। बिस्टान से आए कल्याण सिंधिया ने बताया कमलनाथ सरकार की नाकामी है कि किसानों को रबी सीजन में यूरिया के लिए भटकना पड़ रहा है। लक्ष्मया पाटिल ने कहा 10 बेग यूरिया की आवश्यकता थी लेकिन मिले मात्र दो बेग। स्कूल की पढ़ाई छोड़कर यूरिया लेने पहुंची छात्राएं माधूरी पाटिल उमरखली, सोनू पाटिल बागदरी ने बताया गेहूं की फसल को यूरिया की सख्त आवश्यकता है। पिताजी की परेशानी देखी नहीं गई इसलिए स्कूल छोड़कर यूरिया लेने आ गई। विद्युत नगर खरगोन निवासी सीमा देवले ने कहा शिवराज मामा के राज में किसानों को कोई समस्या नहीं थी लेकिन कांग्रेस के राज में परेशानी ही परेशानी है। छटलगांव के कृषक शिवराम पुन्या, जामली के मुकेश बर्फा, उमरखली के पवन सेन ने कहा किसानों ने प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनाकर एक बार धोखा खा लिया। जब जल्द इस सरकार से छुटकारा चाहते हैं। आवली के किसान बबन पाटिल ने कहा न तो कर्ज माफ हुआ और न ही किसानों को 12 घंटे बिजली मिल रही है। गांव की सोसायटी में यूरिया नहीं मिली तो खरगोन आया लेकिन यहां से भी खाली हाथ लौटना पड़ रहा है। श्री भावसार ने बताया गुरुवार को कलेक्टर गोपालचंद डाड को यूरिया की समस्या से अवगत कराया तो उन्होंने यूरिया के लिए किसानों व स्कूली बच्चों की लाइन लगने से अनभिज्ञता जताई व जिले में किसी भी प्रकार का यूरिया संकट नहीं होने की बात कही।
“एक हेक्टेयर पर एक बेग यूरिया वितरण”
जिला विपणन अधिकारी रितिक टेंबरे के अनुसार इस रबी सीजन में 30 हजार 600 मीट्रिक टन आवंटन के मुकाबले 1 अक्टूबर से अब तक आज तक किसानों को 16 हजार मीट्रिक टन यूरिया उपलब्ध करवा दिया गया है। बुरहानपुर, खंडवा, इंदौर आदि रेक पाइंट से लगातार यूरिया मिलता जा रहा है। जिले में गंभीर संकट की स्थिति नहीं है।कभी-कभी समय पर रेक आने से परेशानी आती है। मार्कफेड, एमपी एग्रो के विक्रय केंद्र पर आधार कार्ड या पावती दिखाने पर प्रति हेक्टेयर एक बेग यूरिया दे रहे हैं।
केंद्र ने बढ़ाया यूरिया का कोटा – राजेंद्रसिंह राठौर
भाजपा जिलाध्यक्ष राजेंद्रसिंह राठौर ने कहा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के निवेदन पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्रसिंह तोमर ने प्रदेश का यूरिया का कोटा 15.40 लाख मीट्रिक टन से बढ़ाकर 18 लाख मीट्रिक टन किया है। केंद्र भरपूर यूरिया दे रहा है लेकिन प्रदेश की निकम्मी सरकार ने यूरिया की कालाबाजारी को बढ़ावा देने के लिए इसका नियमित उठाव नहीं किया जा रहा है। समस्या हल नहीं हुई तो आंदोलन के लिए विवश होंगे।