नैतिक मूल्यों और आदर्शों का बन गया कब्रिस्तान बिहार-आँचलिक ख़बरें-अकबर अली

Aanchalik Khabre
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बिहार में भ्रष्टाचार का रोग बढता ही जा रहा है ‘ हमारे जीवन का कोई ऐसा क्षेत्र नहीं बचा-जहां भ्रष्टाचार के असुर ने अपने पंजे न गडाए हो।

बिहार राज्य में भ्रष्टाचार का खुला-खेल सार्वजनिक उपक्रम-74 निगम और उपक्रम बोर्डों में बहुत बडी गडबडी सामने आई है। माननीय मुख्यमंत्री जनाब नितीश कुमार जी-भ्रष्टाचार के मामले में जीरो टाॅलरेंस की नीति अपनाने की बात करते रहें है। लेकिन बिहार राज्य के सरकारी उपक्रम/निगमों-बोर्डों में भ्रष्टाचार का खुला-खेल बडे पैमाने पर आवंटित राशियों की लूट मची हुई है। दुर्भाग्यपूर्ण और निराशाजनक पहलू यह है कि-आज हम आपके सामने-बिहार में भ्रष्टाचार की ऐसी गाथा बताने/कहने जा रहे है-जिसकी जद में राजनेता से लेकर–नौकरशाह तक शामिल है।बिहार में लोक सेवा के नाम पर-निगम-बोर्डों की स्थापना कर दी गई ‘ लेकिन अधिकांश पर-काबिज अध्यक्षों ने पिछले 25 वर्षों से साल दर साल नियमों एवं कानून को ताक पर रखकर ‘ दुधारू गाय के रूप इस सरकारी बोर्डों-निगमों का खूब इस्तेमाल किया जाता रहा है। बिहार के 74 निगम-बोर्डों में वित्तीय अनियमितता का बडा सियासी खेल चल रहा है ‘ खेल भी ऐसा-जिस पर शायद किसी का नियंत्रण या बश नहीं है। बिहार में 74 निगम-बोर्डों को हर वर्ष राशि आवंटित किया जाता है ‘ ताकि बेहतर ढंग से संचालन हो सके। संविधान के नियमावली सभी निगम-बोर्डों को हर वर्ष अपना वार्षिक प्रतिवेदन-बिहार विधानसभा को देना अनिवार्य है-जो पारदर्शिता के लिए जरूरी है। जबकि जमीनी हकीकत यह है कि-62 निगम-बोर्डों के द्वारा अपने स्थापना काल से लेकर आज तक ‘ वार्षिक प्रतिवेदन उपलब्ध नही कराएं गये है। सबसे आश्चर्य है कि-इसके बाद भी बिहार सरकार हर वित्तीय वर्ष इन तमाम निगम-बोर्डों को बदस्तूर राशि आवंटित किया जाता है। बिहार में सरकारी उपक्रमों निगम-बोर्डों के द्वारा अपने रिपोर्ट इस प्रकार जमा नही कराए गए है (1)बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण परिषद 11 वर्ष (2) बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम लिमिटेड 05 वर्ष (3)बिहार राज्य बीज निगम लिमिटेड 17 वर्ष (4)बिहार राज्य पाठ्य पुस्तक प्रकाशन लिमिटेड 14 वर्ष (5)बिहार राज्य पुल निगम लिमिटेड 08 वर्ष (6)बिहार राज्य पथ परिवहन निगम लिमिटेड 14 वर्ष (7)बिहार खाद्यान्न एवं असैनिक आपूर्ति निगम लिमिटेड 25 वर्ष (8)बिहार राज्य पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम लिमिटेड 22 वर्ष (9) बिहार राज्य चीनी निगम लिमिटेड 32 वर्ष (10)बिहार राज्य मत्स्य विकास निगम लिमिटेड 24 वर्ष (11)बिहार राज्य खनिज विकास निगम लिमिटेड 18 वर्ष (12)बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम लिमिटेड 15 वर्ष (13) बिहार राज्य वित्तीय निगम लिमिटेड ‘ 14 बिहार उर्दू अकादमी ‘ 15 बिहार राज्य खादी बोर्ड 16 बिहार राज्य सूचना आयोग ‘ 17 बिहार मानवाधिकार आयोग ‘ 18 बिहार राज्य निर्वाचन आयोग ‘ 19 बिहार राज्य अल्पसंख्यक आयोग ‘ बिहार राज्य हज समिति-20 बिहार राज्य सुन्नी वक्फ बोर्ड 21 बिहार राज्य शिया वक्फ बोर्ड 22 बिहार राज्य अल्पसंख्यक वित्तीय निगम कार्पोरेशन लिमिटेड में ऐसे उन तमाम 62 निगम-बोर्डों में बडे पैमाने पर अराजकता एवं भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबा हुआ है। क्या बिहार राज्य में सरकारी उपक्रमों एवं निगम-बोर्डों में फैले वित्तीय अनियमितता की लूट को सुशासन की सरकार रोक पाने में सफल कामयाब हो पाएगा या फिर सुशासन के बातें अखबारों में बयान तक सिमटकर रह जाएँगी। जय हिंद-जय भारत ‘ जय संविधान। मोहम्मद अकबर अली ‘ प्रदेश महासचिव (अल्पसंख्यक) बिहार प्रदेश राष्ट्रीय जनता दल।

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