अश्विनी श्रीवास्तव
चित्रकूट। धर्मनगरी चित्रकूट के मूल निवासी एवं महामाया राजकीय महाविद्यालय धनूपुर, हंडिया में कार्यरत प्रो डा आदित्य नाथ की लिखित पुस्तक ‘ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक चित्रकूट‘ का प्रो सुनंदा चतुर्वेदी संयुक्त निदेशक उच्च शिक्षा एवं अध्यक्ष प्राचार्य प्रो. शुभा सिंह जोशी ने विमोचन किया।
डॉ. आदित्य नाथ ने बताया कि इस पुस्तक को पूर्व परिचय, भूगोल, इतिहास, पुरातत्व और आधार ग्रंथ सूची आदि 5 अध्यायों में विभाजित किया गया है। पूर्व परिचय का जिक्र करते हुए लेखक ने बताया कि इसका इतिहास क्षेत्रीय इतिहास में छुटपुट इधर-उधर बिखरा हुआ था और उन्होंने उसको क्रमबद्ध किया। चित्रकूट के लगभग 25 से 30 पुरातात्विक स्थलों का भौतिक निरीक्षण करके वहां से उपलब्ध सामग्री का ज्ञान पुरातत्वीय एवं साहित्यिक प्रमाणों के साथ तुलनात्मक रूप से महत्व प्रतिपादित किया है। इस पुस्तक में 40 फोटोग्राफ्स भी दिए गए हैं।
संयुक्त निदेशक ने बताया कि यह हर्ष का विषय है कि डॉ. आदित्य नाथ द्वारा प्रणीत पुस्तक ‘‘ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक चित्रकूट‘‘ बुंदेलखंड के महत्वपूर्ण परिक्षेत्र से संबंधित है। अपनी पुस्तक में डॉ. आदित्य नाथ ने चित्रकूट के संदर्भ में पूर्ण रूप से स्थापित साहित्यिक एवं पुरातात्विक साक्ष्यों के आधार पर निर्मित इतिहास से आगे बढ़ते हुए नवीन ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक साक्ष्यों पर आधारित ऐसा वर्णन किया है जिससे पाठक के मन में चित्रकूट के वैभव का ऐसा प्रकाशन होता है जो चित्रकूट की महत्ता और रमणीयता की स्थापना करते हुए चित्रकूट में पर्यटन के लिए विभिन्न संभावनाओं के द्वार खोलता है। प्रो. शुभा सिंह जोशी ने बताया कि ऐसी ऐतिहासिक एवं पौराणिक महत्व की धरती को विभिन्न माध्यमों की सहायता से जिस प्रकार से डॉ. आदित्य नाथ ने पन्नों पर उकेरा है वह अत्यंत सराहनीय है। उनकी यह पुस्तक न केवल अकादमिक जगत से जुड़े लोगों के लिए अपितु हर उस व्यक्ति के लिए जो भारत के इतिहास एवं पौराणिक महत्व को समझने में रुचि रखता है, अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगी। गौरतलब है कि प्रो आदित्य नाथ मूल रूप से कर्वी के रहने वाले हैं और इन्होंने शहर के चित्रकूट इंटर कालेज में इंटरमीडिएट तक शिक्षा ग्रहण की है।