पत्रकार को मानसिक प्रताड़ना देने वाले आरोपियों की गिरफ़्तारी न होने पर पत्रकार करेंगे आंदोलन

Aanchalik Khabre
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जिस टेक्नॉलजी का समाज के विकास व इंसानी जरूरतों मे सुविधा के लिए इस्तमाल होरही उसी तकनीक का इस्तमाल अब संगीन अपराध को अंजाम देकर खुद छुपाए रखने का काम अपराधियों ने अपना लिया है ! जी हाँ हम उसी साइबर क्राइम की बात कर रहे जिसकी कहानी आए दिन हम सुनते है और फिर अगली सुबह भूल भी जाते है !
पर कभी ये जानने की कोशिश भी नही करते है के इस साइबर क्राइम के पीड़ित व उनके परिवार पे इसका क्या प्रभाव पड़ा ! आज के इस आधुनिक युग मे सोशल मीडिया अभिव्यक्ति व सम्पर्क का बेहतरीन व आसान प्लेटफार्म है ! पर कुछ कुंठित व आपराधिक मानसिकता के लोग इसी सोशल मीडिया का इस्तमाल कर उन्माद फैलने के अलावे चुपके से कई घरो को बर्बाद कर बड़ी आसानी से बच कर निकल भी जाते है ! ताजा मामला एक निजी चैनल के सम्पादक सह जर्नलिस्ट मीडिया कौंसिल के प्रदेश अध्यक्ष के साथ घटित हुई ! पीड़ित पत्रकार ने अपने गृह जिला सुपौल थाने मे मामला दर्ज करवा कर पुलिस से न्याय की गुहार लगाई ! पुलिस ने मामला तो दर्ज कर लिया पर दोषि अब भी खुले घूम रहे है ! चुकी दोषियो को दबंगों व कुछ नेताआें का संरक्षण भी प्राप्त है जिससे जर्नलिस्ट मीडिया कौंसिल के पत्रकारो मे काफी आक्रोश है ! संघ के संरक्षक संयोजक व नेशनल कमिटी के निर्देश पे राज्य व जिला स्तरों पे संघ के पत्रकार बैठको का दौड़ शुरू कर प्रशासन से अभियुक्तो की अविलंब गिरफ्तारी की माँग कर रहे है !
इसी कड़ी मे आज प्रदेश अध्यक्ष के आवास पे एक आपात कालीन बैठक बुलाई गई और जल्द ही एक टीम गठित कर बिहार के DGP महोदय व सुपौल पुलिस अधीक्षक महोदय से मिलकर इस मामले की लिखित रूप मे समर्पित करने का निर्णय लिया गया..

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