मदनलाल ढींगरा देश भक्ति के रंग में रंगे हुए स्वतंत्रता संग्राम के अप्रतिम सेनानी थे।
वो एक धनाढ्य परिवार से थे और इंग्लैंड में पढाई कर रहे थे लेकिन देशभक्ति की लौ ऐसी थी कि सब कुछ छोड़ छाड़ कर स्वतंत्रता संग्राम में कूद पड़े।
देश के क्रांति वीरों को अमानवीय यंत्रणाएं देने और फाँसी पर लटकाने के विरोध में दुनियाँ भर में जन चेतना फैलाने के लिए उन्होंने लंदन में विलियम हट कर्ज़न नामक एक अंग्रेज अधिकारी की गोली मारकर हत्या कर दी।
सरकार ने आनन फानन में इस हत्या के आरोप में 22 जुलाई 1909 को उनके खिलाफ अभियोग चलाया।
और फांसी की सज़ा सुना दी।
17 अगस्त 1909 को उन्हें लन्दन के पेंटविले जेल में फाँसी पर लटका दिया गया।
क्रांतिकारी मदन लाल ढींगरा 🇮🇳के अंतिम शब्द थे कि “मुझे गर्व है कि मुझे अपनी मातृभूमि के लिए जीवन का बलिदान देने का अवसर और सम्मान मिला।”
महान क्रांतिकारी,देशभक्त ‘मदनलाल ढींगरा ‘का भारत के स्वतंत्रता में एक अहम रोल रहा-आंचलिक ख़बरें-प्रशांत सी बाजपेयी

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