गणपति उत्सव में शिव गुरु भजन मंडली की भक्ति संध्या ने पोइसर पंडाल को किया मंत्रमुग्ध

Aanchalik Khabre
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गणपति उत्सव

कांदिवली।

गणपति उत्सव का माहौल कांदिवली में इस साल भी भव्य रहा। शिव गुरु भजन मंडली द्वारा पोइसर पंडाल में आयोजित भक्ति संध्या ने श्रद्धालुओं का मन मोह लिया और पूरे पंडाल को भक्ति भाव से गूंजा दिया।

भजन-कीर्तन से भक्तिमय माहौल

भजन मंडली द्वारा प्रस्तुत किए गए भजन-कीर्तन ने उपस्थित लोगों को भावविभोर कर दिया। दोपहर में शिव गुरु भजन मंडली की महिलाओं ने गणपति भजन और शिव चर्चा प्रस्तुत की, जिससे श्रद्धालु झूम उठे। महिलाओं की मधुर प्रस्तुति और भक्ति भाव ने पंडाल में एक विशेष ऊर्जा का संचार किया।

रात्रि में अन्य भजन गायकों ने भी अपनी प्रस्तुति से श्रोताओं का मन मोह लिया। भजन मंडली की गायकी में संगीत और भक्ति का अद्भुत संगम देखने को मिला। उपस्थित श्रद्धालुओं ने इस अवसर पर बप्पा के प्रति अपनी श्रद्धा और भक्ति का उत्साहपूर्ण प्रदर्शन किया।


स्थानीय समुदाय की भागीदारी

कांदिवली के स्थानीय निवासी गणपति उत्सव के आयोजन में हर साल सक्रिय रूप से भाग लेते हैं। इस वर्ष भी 11 दिनों तक भक्ति कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। प्रतिदिन शिव चर्चा और भजन कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिसमें स्थानीय महिलाएं और भजन मंडलियां भी हिस्सा लेती हैं।

स्थानीय आयोजक खुशी तिवारी ने बताया कि पंडाल में प्रतिदिन सुबह और शाम महाआरती का आयोजन किया जाता है। सुबह और शाम के समय भक्तजन पंडाल में एकत्र होकर भगवान गणपति की पूजा और भजन-साधना में भाग लेते हैं।


महाभंडारे और विसर्जन का आयोजन

गणपति उत्सव के अंतिम दिन, यानी विसर्जन के दिन महाभंडारे का आयोजन किया जाता है। इस दौरान श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया जाता है। सभी उपस्थित भक्तजन तन-मन से जुटकर इस आयोजन को सफल बनाने में योगदान देते हैं। महाभंडारा केवल धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि समुदाय की एकता और भाईचारे का प्रतीक भी है।

भजन मंडली ने इस अवसर पर न केवल भक्ति संगीत प्रस्तुत किया, बल्कि युवाओं और बच्चों में धार्मिक चेतना और संस्कृति को बनाए रखने का भी संदेश दिया।


भजन मंडली की विशेष भूमिका

शिव गुरु भजन मंडली का योगदान इस उत्सव में अतुलनीय है। मंडली के सदस्यों ने महीनों की तैयारी के बाद भजन और कीर्तन की प्रस्तुति दी। भजन मंडली में महिलाओं का योगदान भी महत्वपूर्ण रहा, जिन्होंने गणपति भजन के माध्यम से धार्मिक चेतना का संचार किया।

भजन मंडली ने पंडाल में उपस्थित सभी श्रद्धालुओं को न केवल संगीत का आनंद दिया बल्कि भक्ति भाव के माध्यम से उन्हें भगवान गणपति के निकट भी महसूस कराया।


उत्सव का सामाजिक महत्व

गणपति उत्सव केवल धार्मिक कार्यक्रम नहीं है, बल्कि समाज को जोड़ने और सांस्कृतिक विरासत को बनाए रखने का भी माध्यम है। कांदिवली में आयोजित यह उत्सव स्थानीय लोगों को एक मंच देता है, जहां वे एक साथ मिलकर भगवान गणपति की पूजा और भक्ति कर सकते हैं।

शिव गुरु भजन मंडली और अन्य भजन मंडलियों की सक्रिय भागीदारी से यह सुनिश्चित होता है कि धार्मिक उत्सव में संगीत, भक्ति और समाजिक सहयोग का सुंदर संगम हो।


भविष्य के आयोजन और योजनाएँ

स्थानीय समितियाँ और भजन मंडलियां अगले वर्षों में भी इस उत्सव को और भव्य बनाने की योजना बना रही हैं। अधिक लोगों को उत्सव में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया जाएगा और भजन कार्यक्रम को और आकर्षक बनाने के लिए नई व्यवस्थाएँ की जाएँगी।

भजन मंडली ने यह संदेश भी दिया कि धार्मिक उत्सव केवल पूजा का माध्यम नहीं है, बल्कि समुदाय में भाईचारा और एकता को बढ़ाने का भी एक महत्वपूर्ण अवसर है।

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