० रैंकिंग के लिए केन्द्र व राज्य की टीमों ने शुरू किया सर्वे
राजनांदगांव। राजनांदगांव जिले को राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत वर्ष 2015 से 2021 के कार्य एवं प्रदर्शन के आधार पर सब नेशनल सर्टिफिकेशन अवार्डं (कांस्य पदक) के लिए नामांकित किया गया है। यह नामांकन स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा किया गया है। इसके अंतर्गत आईसीएमआरए सेन्ट्रल टीबी डिवीजन एवं राज्य कार्यालय द्वारा सर्वे, भौतिक सत्यापन व ग्रुप परिचर्चा, साक्षात्कार आदि मापदंडों को आधार मानते हुए रैंकिंग की जाएगी जिसके लिए केन्द्र एवं राज्य की टीमों द्वारा सर्वे के दौरान समय-समय पर जिले का भ्रमण किया जा रहा है।
सब नेशनल सर्टिफिकेशन अवार्ड हेतु कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा के निर्देशन एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथलेश चौधरी तथा जिला क्षय उन्मूलन अधिकारी डॉ. अल्पना लूनिया के मार्गदर्शन में सर्वे का कार्य शुरू किया गया है। कलेक्टर ने सर्वे के लिए चिन्हांकित 15 ग्रामों में शत-प्रतिशत सर्वे पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं। केन्द्र, राज्य एवं जिले की टीम के द्वारा ग्राम सिंगारपुर एवं सड़क बंजारी में चल रहे सर्वे कार्य का सहायक पर्यवेक्षण (सर्पोटिव सुपरविजन) दिया गया एवं सर्वे के दौरान स्वयंसेवकों को आ रही समस्याओं का निराकरण किया गया। टीम के द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र डोंगरगांव के ट्रूनॉट लैब, टीबी यूनिट आदि का भी निरीक्षण किया गया। आगामी भ्रमण के दौरान टीम के द्वारा शासकीय चिकित्सकों, प्राईवेट नर्सिंग होम चिकित्सकों, औषधि निरीक्षकों और प्राईवेट केमिस्ट से भी भेंट करेगी।
इस संबंध में जिला क्षय उन्मूलन अधिकारी डॉण् अल्पना लूनिया ने बताया-टीबी (क्षय) रोग नियत्रंण की दिशा में बेहतर कार्य के लिए राजनांदगांव जिले को सब नेशनल सर्टिफिकेशन अवार्ड हेतु नामांकित किया गया है। इसके लिए सेंट्रल टीबी डिवीजन की टीम द्वारा जिले के टीबी कार्यक्रम की उपलब्धियों का आंकलन किया जाएगा। सर्वे हेतु जिले में चिन्हांकित किए गए स्वयंसेवकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर उन्हें इस हेतु प्रशिक्षित भी किया गया है। सर्वे करने वाली टीम के द्वारा चिन्हांकित किए गए प्रत्येक गांव में घर-घर जाकर परिवार के सभी सदस्यों की जानकारी लेकर पूर्व टीबी मरीजों, वर्तमान में टीबी की दवा खा रहे एवं टीबी के संभावित लक्षणों वाले व्यक्तियों की पहचान टीम के द्वारा की जा रही है। क्षय रोग के लक्षणों वाले संभावित टीबी मरीजों का सैंपल एकत्रित कर उसे उसी दिन उसे ट्रूनॉट लैब के माध्यम से जांच का कार्य कराया जा रहा है। इन गांवों में उपरोक्तानुसार व्यक्तियों के न मिलने पर टीम के द्वारा समीप के ग्रामों में सर्वे का कार्य किया जाएगा।
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इन गांवों में होगा सर्वे
सेंट्रल टीबी डिवीजन के द्वारा प्रारंभिक रूप से चिन्हांकित किए गए जिले के छुईखदान विकासखंड के ग्राम बेलगांव एवं गंडई के वार्ड क्रमांक 7, खैरागढ़ विकासखण्ड के ग्राम सहसपुर एवं पिपरिया वार्ड नंबर-1, डोंगरगढ़ विकासखण्ड के ग्राम कारूटोला एवं बंजारीए घुमका विकासखण्ड के ग्राम कुंआरझोरकी एवं इंदावानी, छुरिया विकासखण्ड के ग्राम जरहामाहका एवं मासुलकसा, डोंगरगांव विकासखंड के ग्राम सिंगारपुर एवं मनेरी, मोहला विकासखंड के ग्राम पदगोंदी, मानपुर विकासखंड के ग्राम कुम्हारी, अंबागढ़ चौकी विकासखण्ड के ग्राम भनसुला आदि ग्रामों में सर्वे के माध्यम से संभावित टीबी लक्षणों वाले व्यक्तियों की पहचान की जा रही है।
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टीबी रोग के प्रमुख लक्षण
टीबी रोग के प्रमुख लक्षण में दो सप्ताह से अधिक खांसी, शाम के समय बुखार आना, वजन घटना, खंखार में खून आना आदि शामिल हैं। यह रोग किसी भी उम्र में किसी भी व्यक्ति को कभी भी हो सकता है। यह रोग एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है। टीबी के लक्षण वाले व्यक्ति मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल राजनांदगांव या समीप के सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में जांच करा सकते हैं।
टीबी नियंत्रण में कांस्य पदक सर्टिफिकेट के लिए राजनांदगांव जिला नामांकित-आँचलिक ख़बरें-हेमंत वर्मा
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