आजादपुर मंडी से बड़े पैमाने पर हो रहे भृष्टाचार की खबर आ रही है, आजादपुर मंडी के दफ्तर में एपीएमसी के डी ब्लॉक के अधिकारी एमएस सतीश राणा की दबंगई के कारण किसान काफी परेशान रहते है बताया जा रहा है कि एग्रीकल्चरल प्रोडूस मार्किट समिति के अधिकारी द्वारा किसानों का कच्चा माल जब्त करके दफ्तर में डाल दिया जाता है. जिसके कारण माल सड़ जाता है. जिससे किसानो को काफी नुकसान उठाना पड़ता है.
ज्ञात हो कि एमपीएमसी के अधिकारीयों का काम है किसानो की माल की सुरक्षा एवं उनको सही दिशा निर्देश देना ताकि सही समय पर उनका माल बिक सके और उन्हें सही लाभ मिल सके तथा किसान परेशानियों से बच सके. परन्तु यहाँ उल्टा ही देखने को मिल रहा है. दफ्तर के अधिकारी सतीश राणा अपने थोड़े से स्वार्थ की खातिर किसानो से वसूली करते हैं और न देने पर अपने चेलों से उनका माल उठा कर कूड़े की तरह एमपीसी के दफ्तर में डलवा देते हैं, जिसके कारण किसानो का कच्चा माल सड़ जाता है. और किसानो को काफी नुक्सान उठाना पड़ता है . इस बाबत में किसानो ने कईबार दफ्तर के आला अधिकारिओं से शिकायत की परन्तु हमेशा उनकी शिकायतों को अनदेखा कर दिया जाता है.
वायरल वीडियो में ये साफ़ दिख रहा है की किस तरह भृष्ट अधिकारियों द्वारा किसानों का माल बर्बाद किया जाता है.
यह आजादपुर मंडी का हाल है इसकी जानकारी बड़े अधिकारियों को भी हो गई है लेकिन भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती ऐसे ही जब किसान का माल आता है जो माल बिकता है और उसके बाद जो बच जाता है उस गाड़ी में माल न बिकने के कारण गाड़ी खड़ी रहती है लेकिन भ्रष्ट अधिकारी गेट पास को जो समय है उसके बाद चालान काटते .हैं या उसके रूप में रिश्वत लेते हैं जो कि गलत है जब तक गाड़ी में किसान का माल है और जब तक बिक नहीं जाता तब तक उसका चालान नहीं कर सकते हैं. लेकिन भृष्टाचार अधिकारी 8 घंटे के रूल के आड़ में भ्रष्टाचार मचा रखा है.