कार्यवाही की जगह जिम्मेदारों ने साधी चुप्पी सरकार के राजस्व को लग रहा चूना
चित्रकूट।जिला में इन दिनों उत्तर प्रदेश के सूबे की सरकार के सपनों पर पानी फेरने में अधिकारी कसर नहीं छोड़ रहे हैं। जिले के भरतकूप क्रेशर नगरी में दिन रात अवैध खनन खनिज माफियाओं के द्वारा जारी है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के द्वारा भले ही भूमाफियों या अवैध खनन पर सख्त कार्यवाही के निर्देश हो लेकिन उत्तर प्रदेश के भाजपा सरकार के सपनों पर खुलेआम चित्रकूट जिला प्रशासन पानी फेर रहा है। एक ओर जहां भू माफिया जिले में सक्रिय हो रहे हैं । तो दूसरी तरफ अवैध खनन करने में राजस्व विभाग व खनिज विभाग के द्वारा छूट दी गई है। ऐसा प्रतीक होता है तभी जिले में दिन रात अवैध खनन जारी है । और इसी वजह से भू माफियाओं के हौसले बुलंद हैं। हम बात कर रहे हैं चित्रकूट जिला के कर्वी तहसील अंतर्गत आने वाले भरतकूप क्रेशर नगरी क्षेत्र की जहां भंवरा ,बजनी ,गोंडा में अवैध खनन करके सरकार के लाखों रुपए के सरकारी राजस्व को खुलेआम चूना लगाया जा रहा है । लेकिन जिले का जिम्मेदार अधिकारी हाथ में हाथ धरे बैठा हुआ है। भरतकूप क्रेशर नगरी होने की वजह से भौरा, बजनी, गोंडा में जहां अवैध खनन जारी है। तो वहीं पोकलैंड मशीनों के माध्यम से पहाड़ की अस्मत लूटी जा रही है। यहां तक कि अवैध ब्लास्टिंग का भी पत्थर की खदानों में सिलसिला जारी है। लेकिन खनिज विभाग व राजस्व विभाग के द्वारा कार्यवाही ना होने की वजह से लगातार खनिज माफियाओं के हौसले बुलंद हैं।
ग्रामीणों ने कहा अवैध ब्लास्टिंग से फट रही घरों की दीवाले – भौरा , बजनी ,गोंडा क्षेत्र के पत्थर की खदानें ग्रामीण क्षेत्र से लगे होने की वजह से एक और जहां ग्रामीणों का प्रदूषण की वजह से जीना दुस्वार है। तो दूसरी तरफ खदानों में 4 इंची गहराई 10 फीट लगभग होल करके अवैध ब्लास्टिंग की जा रही है । जिसकी वजह से ग्रामीणों को दिन-रात सिर्फ धाए धाए की आवाज सुनाई दे रही है ।ग्रामीणों का कहना है कि उनके कानों में ब्लास्टिंग की आवाज की वजह से सुनाई देना बंद हो गया है । तो दूसरी तरफ मासूम बच्चे ब्लास्टिंग की आवाज से दिन रात रोते हैं। बच्चों के अंदर अवैध ब्लास्टिंग की वजह से दहशत भर गई है। यहां तक कि बच्चे बूढ़े जवान की नींद पूरी ना होने की वजह से बीमार हो जाते हैं। तो वहीं दूसरी तरफ भयावह ब्लास्टिंग होने की वजह से घर की दीवारों में दरारें तक पड़ गई हैं ग्रामीणों की जिंदगी खतरे में है । ग्रामीणों के द्वारा जब अवैध ब्लास्टिंग व अवैध खनन को लेकर खनिज विभाग व राजस्व विभाग से शिकायत की जाती है। तो कार्रवाई की जगह राजस्व विभाग व खनिज विभाग के द्वारा खनिज माफियाओं की ही पक्षदारी करके कार्यवाही ना करते हुए ग्रामीणों के नामों का खुलासा कर दिया जाता है जिसकी वजह से आए दिन खनिज माफिया ग्रामीणों को धमकाते रहते हैं । खनिज माफियाओं के गुंडागर्दी रवैया से अब ग्रामीणों में दहशत का भी माहौल है।
सरकार के राजस्व को लग रहा चूना – यदि हम बात करें अवैध खनन को लेकर तो भरतकूप क्रेशर नगरी क्षेत्र के पहाड़ों में दिन-रात जहां अवैध खनन जारी है । तो वहीं राजस्व विभाग व खनिज विभाग से सांठगांठ करके खनिज माफियाओं के द्वारा सरकार के राजस्व को लाखों रुपए का रोजाना का चूना लगाया जा रहा है । लेकिन कार्रवाई की जगह जिले का जिम्मेदार अधिकारी चुप्पी साधे बैठा हुआ है।
भाजपा सरकार ने दिए अवैध खनन को रोकने के सख्त निर्देश- भले ही उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार के द्वारा अवैध खनन व खनिज माफियाओं पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं । लेकिन यह निर्देश चित्रकूट जिला में सिर्फ हवा हवाई साबित हो रहा है। खुलेआम जिले में अवैध लोडिंग व खनिज माफिया की सक्रियता देखने को मिल रही है । एक और जहां खनिज माफिया पहाड़ों की अस्मत लूट रहे हैं । तो दूसरी तरफ नदिया भी खोखली हो रही हैं। जिले में खनिज माफियाओं के ऊपर कार्रवाई न होना जिले के जिम्मेदार अधिकारियों की कार्यशैली पर प्रश्नात्मक चिन्ह छोड़ रहा है।
प्रदूषण में ग्रामीण गंभीर बीमारियों की चपेट में श्रद्धालु भी हो रहे परेशान – भरतकूप क्रेशर नगरी में एनजीटी के नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ रही हैं। भरतकूप क्रेशर नगरी के ग्रामीण क्षेत्र सहित संचालित सभी क्षेत्रों में उन मानकों को पूरा नहीं किया गया । जिससे पर्यावरण प्रदूषण पर अंकुश लग सके । खुलेआम क्रेशर की डस्ट ग्रामीण क्षेत्र की जमीन को जहां बंजर कर रही है। तो वही ग्रामीण क्रेशर से उड़ने वाली डस्ट से अब ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे बूढ़े जवान गंभीर बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं ।ग्रामीणों को अस्थमा टीबी वा हृदय संबंधित कई घातक बीमारियां हो रही हैं ।लेकिन जिले के जिम्मेदार किसी भी अधिकारियों को ग्रामीणों के स्वास्थ्य का चिंता नहीं सता रहा और क्षेत्र में संचालित केसर पर्यावरण के नियमों को खुलेआम ठेंगा दिखाकर संचालित हो रहे हैं।