वसई, 14 अगस्त 2025 – गुरुवार की सुबह, वसई पश्चिम के कृष्णा टाउनशिप क्षेत्र में महिलाओं ने ललही छठ का पारंपरिक पूजन किया। हल्की बारिश के बीच एकत्रित हुईं महिलाओं ने इस अवसर पर व्रत कथाएं सुनाईं और पूजन विधि को पूरी श्रद्धा के साथ सम्पन्न किया। यह पर्व मुख्य रूप से संतान की दीर्घायु, स्वास्थ्य और पारिवारिक समृद्धि के लिए मनाया जाता है।
पारंपरिक विधि और सामग्री
इस पूजन में कुश, महुआ, दही, किन्नी के चावल और महुआ के पत्तों में रखे प्रसाद का विशेष महत्व है। महिलाओं ने सामूहिक रूप से भक्ति गीत गाए और एक-दूसरे को व्रत की कथाएं सुनाकर इस परंपरा को जीवंत बनाए रखा।

ललही छठ का महत्व
यह व्रत विशेष रूप से माताओं द्वारा अपने बच्चों की सुख-समृद्धि और सुरक्षा के लिए रखा जाता है। लोक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन किया गया पूजन घर में सकारात्मक ऊर्जा लाता है और संतान को जीवनभर स्वस्थ रखने का आशीर्वाद देता है।
सामाजिक और सांस्कृतिक पहलू
बारिश के बावजूद महिलाओं का एकजुट होकर पूजन करना समाज में स्त्री शक्ति और सामुदायिक सद्भावना को दर्शाता है। यह पर्व न केवल धार्मिक आस्था, बल्कि सांस्कृतिक विरासत को भी संजोए रखने का एक सशक्त माध्यम है।
ललही छठ का यह आयोजन केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि सामाजिक एकता और पारिवारिक मूल्यों का प्रतीक है। इस तरह के उत्सव हमारी सांस्कृतिक धरोहर को अगली पीढ़ी तक पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।