CM Yogi : देश भर में बुलडोज़र बाबा के नाम से लोकप्रिय है CM Yogi के राज में लगता है जैसे प्रयागराज जैसे बड़े जिले में लोगो को नहीं मिल रहा न्याय पूरा मामला पढ़ेंगे तो आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि बारा तहसीलदार, पटवारी और जांच अधिकारी ने न तो दस्तावेज देखे, न ही निष्पक्ष कार्रवाई की और न ही सांसद उज्ज्वल रमण सिंह या पूर्व सांसद रीता बहुगुणा जोशी की बात सुनी, ताकि मामले को लटकाया जा सके, गुमराह किया जा सके और लंबा खींचा जा सके। इन सभी कार्रवाइयों से ऐसा लगता है कि प्रयागराज जैसे बड़े जिले के अधिकारी, जिन्हें बुलडोजर बाबा के नाम से पूरे देश में जाना जाता है, पीड़ितों की शिकायतें सुनना और न्याय देना बंद कर चुके हैं। यही वजह है कि शंकरगढ़ का परिवार स्थानीय भू-माफियाओं के गुंडों से भागते हुए न्याय की गुहार लगा रहा है और अधिकारी धृतराष्ट्र जैसे वादे कर रहे हैं। जानिए बारा तहसील के पूर्व सैनिक की पीड़ा, जो उत्तर प्रदेश सरकार की सकारात्मक छवि से खिलवाड़ कर रहा है।
दरअसल शंकरगढ़ के बढ़ैया गाँव में 75 वर्षीय भूतपूर्व सैनिक विश्वनाथ द्विवेदी रहते हैं। प्रधान गुलाब सिंह व उनके कुछ साथी पिछले कुछ समय से रानीगंज बाजार के पगुआर में उनकी जमीन के मालिकाना हक को अपने निजी फायदे के लिए पटवारी व बारा तहसील से सेटिंग करके हड़प रहे हैं। इन भूमाफियाओं से अपनी जान-माल की सुरक्षा के लिए पीड़ित के पुत्र विजय द्विवेदी भूतपूर्व सैनिक ने शंकरगढ़ थाने, बारा तहसील में तत्कालीन तहसीलदार को समस्त मूल दस्तावेज व सहायक अभिलेखों के साथ प्रार्थना पत्र व शिकायती पत्र दिया। न्याय की गुहार लगा रहे पीड़ित को सुनवाई के लिए तारीख पर तारीख दी जा रही है, लेकिन हकीकत यह है कि भूमाफियाओं के प्रभाव में पटवारी निजी फायदे के लिए तहसील या लेखपाल के पास जांच के लिए पहुंचने वाली किसी भी शिकायत को उलझा देते हैं। CM Yogi
CM Yogi के राज में भू माफ़िया के आगे तहसील में नहीं चलती MP & MLA की बात
पीड़ित परिवार यह जानकर सहम गया कि कोई और व्यक्ति उनकी जमीन को अपना बताकर फर्जी दस्तावेजों में उन्हें फंसा रहा है, जबकि वे अपनी पुश्तैनी जमीन पर निर्माण शुरू करना चाहते थे। जब यह हुआ तो पीड़ित विजय द्विवेदी ने प्रयागराज के डीएम से आमने-सामने बात कर न्याय की गुहार लगाई, लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ा। चूंकि उनकी सुनवाई बारा तहसील में होनी थी, इसलिए पीड़ित व पूर्व सैनिक विजय द्विवेदी किसी तरह पूर्व सांसद डॉ. रीता बहुगुणा जोशी व वर्तमान सांसद उज्ज्वल रमण सिंह से संपर्क करने में सफल रहे। CM Yogi
दोनों प्रमुख नेताओं ने उनके दस्तावेज व दलीलें देखते ही तहसीलदार के सीयूजी मोबाइल पर फोन किया, लेकिन वर्तमान स्थिति यह है कि कई बार प्रयास करने के बाद भी तहसीलदार ने सरकारी मोबाइल नंबर पर फोन नहीं उठाया। लेकिन जब डॉ. जोशी ने अपने निजी मोबाइल पर फोन किया तो उन्होंने दोनों नेताओं से बात की और पीड़ित विजय द्विवेदी के मामले में निष्पक्ष कार्रवाई व गहन जांच का अनुरोध किया। इसके बाद तहसीलदार ने पीड़ित को व्यक्तिगत रूप से मिलने को कहा, लेकिन तहसील द्वारा फिर से पीड़ित को निरर्थक आश्वासन देकर टरका दिया गया। CM Yogi
अपनी इस लाचारी के चलते पीड़ित विजय द्विवेदी ने न्याय की गुहार लगाने तथा मामले में संलिप्त अधिकारियों, भू-माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर अपने बुजुर्ग पिता के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने का निर्णय लिया है। उन्हें लगता है कि बारा तहसील अब उन्हें वह न्याय नहीं दे पाएगी जिसका वह हकदार है। यह खबर अपने आप में बेहद गंभीर है तथा कई सवाल खड़े करती है, जिनका जवाब यह है कि उत्तर प्रदेश में हजारों-लाखों पीड़ित ऐसे बेलगाम अधिकारियों तथा दबंगों की मिलीभगत का शिकार होकर न्याय की तलाश में रोजाना भटक रहे हैं, जिससे सरकार की न्याय और सुशासन की छवि पर दाग लगा रहे हैं। CM Yogi
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