सिंगरौली/- प्रधान जिला न्यायाधीश श्री आर.एन.चंद के निर्देशानुसार एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री अभिषेक सिंह के मार्गदर्शन में दिनांक 12 अक्टूबर 2023 को वन स्टॉप सेंटर सिंगरौली में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया।
शिविर में बतौर मुख्य अतिथि जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री अतुल सेन उपस्थित रहे,जिन्होंने वन स्टॉप सेंटर का निरीक्षण कर वहां की व्यवस्थाओं का जायजा लिया।
साथ ही उन्होंने सेंटर में उपस्थित महिलाओं को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण का परिचय देते हुए प्राधिकरण की कार्यप्रणाली के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी।
जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री सेन द्वारा बताया गया कि प्रत्येक महिला निःशुल्क विधिक साक्षरता प्राप्त करने की पात्रता रखती है।उन्होंने बताया कि अगर कोई महिला आर्थिक स्थिति के कारण अपने प्रकरण में पैरवी करने के लिए अधिवक्ता नियुक्त कर पाने में सक्षम नहीं है तो वो जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में विधिक सहायता के लिए आवेदन दे सकती है एवं जिला प्राधिकरण द्वारा द्वारा उस महिला को बिना किसी शुल्क के अधिवक्ता उपलब्ध करवाया जाएगा,जो उसके प्रकरण में पैरवी करेगा।
इसके अलावा श्री सेन द्वारा उपस्थित महिलाओं को पॉक्सों एक्ट 2012,दहेज प्रतिषेध अधिनियम 1961 एवं महिलाओं का कार्यस्थल पर यौन शोषण अधिनियम के विविध प्रावधानों को बताते हुये बाल विवाह निषेध से संबंधित कानूनों की जानकारी देते हुए सभी से बाल विवाह के विरुद्ध अभियान चलाए जाने का आह्वान किया।
इसी क्रम में पैरालीगल वॉलेंटियर श्रीमती रीता सिंह एवं श्रीमती सुमित्रा सिंह द्वारा सेंटर में उपस्थित महिलाओं से बाल विवाह के विरूद्ध अभियान चलाने एवं जागरूकता फैलाने हेतु शपथ भी दिलाई गई।
शिविर में जिला विधिक सहायता अधिकारी ने वन स्टॉप सेंटर की प्रशासिका सरोज सोनवानी को सेंटर में आने वाली महिलाओं को विधिक समस्या होने पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से संपर्क किए जाने की अपील की।
इस दौरान उनके द्वारा सेंटर की प्रशासिका एवं अन्य काउंसलर्स द्वारा विधिक सहायता के संबंध में किए गए प्रश्नों के उत्तर देकर उनके संशयों को दूर किया गया।
उक्त कार्यक्रम में काउंसलर प्रियंका मिश्रा, केस वर्कर सीमा द्विवेदी,आईटी वर्कर निधि पाण्डेय,एनजीओ वर्कर सीमा सिंह एवं अस्मिता गुप्ता आदि उपस्थित रहे।
वन स्टॉप सेंटर क्या
1 अप्रैल 2015 को,भारत सरकार ने हिंसा का अनुभव करने वाली महिलाओं की सहायता के लिए कार्यक्रम शुरू किया
था। इसके अंतर्गत महिलाओ को यह सभी सेवाएँ मिलेंगी|
- आपातकालीन प्रतिक्रिया और बचाव सेवाएँ।
- मेडिकल सहायता।
- प्राथमिकी दर्ज करने में महिलाओं की सहायता।
- मनो-सामाजिक समर्थन और परामर्श।
- कानूनी सहायता और परामर्श।
- आश्रय।
- वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा।
आंचलिक खबरें/शिवप्रसाद साहू