शाजापुर, १४ सितंबर २०२५
नेशनल लोक अदालत के तत्वावधान में थाना बेरछा क्षेत्र के एक बोलेरो वाहन चोरी प्रकरण का सामंजस्यपूर्ण निपटारा हुआ। यह मामला प्रथम वर्ग न्यायिक मजिस्ट्रेट श्रीमती जयश्री आर्यन के न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था, जहाँ दोनों पक्षों के मध्य आपसी सहमति से समझौता होने पर मामले का निस्तारण किया गया।
मामले की पृष्ठभूमि
फरियादी राधिका एवं महक किन्नर (निवासी बेरछा) द्वारा थाना बेरछा पर अपने वाहन की चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। पुलिस द्वारा जाँच पूरी कर चालान पेश किए जाने के बाद यह मामला न्यायालय में विचाराधीन था। लोक अदालत की कार्यवाही के दौरान फरियादी पक्ष के साथ-साथ किन्नर समाज के अन्य सदस्य भी गवाही हेतु उपस्थित रहे।
सामाजिक समरसता का संदेश
अधिवक्ता सईद पठान के मध्यस्थता efforts के परिणामस्वरूप दोनों पक्षों के मध्य राजीनामा हो सका। इस अवसर पर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री आनंद कुमार तिवारी ने विशेष निर्देश जारी करते हुए कहा कि थर्ड जेंडर समाज को सभी प्रशासनिक सुविधाएँ एवं विधिक सहायता योजनाओं का पूरा लाभ सुनिश्चित किया जाए। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा राधिका एवं महक को त्वरित विधिक सहायता भी उपलब्ध कराई गई।
न्यायिक पहुँच और सामाजिक न्याय
इस प्रकरण ने लोक अदालत की भूमिका को एक नए दृष्टिकोण से रेखांकित किया है। यह दर्शाता है कि न्यायालय केवल विवादों का निपटारा ही नहीं करते, बल्कि सामाजिक समरसता कायम करने और समाज के सभी वर्गों, विशेष रूप से वंचित तबकों, तक न्याय की पहुँच सुनिश्चित करने में एक सक्रिय भूमिका निभाते हैं।
उपस्थिति
इस ऐतिहासिक कार्यवाही के दौरान मुख्य न्यायाधीश मजिस्ट्रेट सुनयना श्रीवास्तव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव नमिता बौरासी, जिला विधिक सहायता अधिकारी शिखा शर्मा, अधिवक्ता सईद पठान, जावेद पठान सहित अन्य गणमान्य अधिवक्ता एवं अधिकारी उपस्थित रहे।
यह मामला न्यायिक प्रक्रिया में समावेशिता और सामाजिक न्याय के प्रति भारतीय न्यायपालिका की प्रतिबद्धता का एक उज्ज्वल उदाहरण प्रस्तुत करता है।
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