रामदेव और पॉंचु का मनाया गया शहादत दिवस

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By News Desk
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अशोक शर्मा

गया, बिहार: लोक समिति , छात्र – युवा संघर्ष वाहिनी और मजदूर – किसान समिति के संयुक्त तत्वावधान में जीवन संगम , दोमोहान, बोधगया में रामदेव और पॉंचु का शहादत दिवस के अवसर पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी को संबोधित करते हुए लोक समिति के राष्ट्रीय संयोजक कौशल गणेश आजाद ने कहा कि बोधगया भूमि आंदोलन के दौरान 8 अगस्त , 1979 को बोधगया मठ के लठैतों ने निहत्थे मजदूरों पर गोलियों और बमों से हमला कर दिया था जिससे रामदेव और पॉंचु शाहिद हो गए थे । जानकी मांझी को जांघ गोली लगी थी । उन्होंने कहा कि रामदेव और पॉंचु का शहादत खाली नहीं गया। आंदोलन और तीव्र हुई । विस्तार हुआ। अंततः अपराजेय समझे जाने वाला बोधगया मठ की हार हुई और बोधगया मठ की 10 हजार एकड़ जमीन दलितों और गरीबों में बांटी गई। उन्होंने कहा कि बोधगया आंदोलन ने वैचारिक स्तर पर शांतिमय वर्ग संघर्ष को स्थापित किया और महिलाओं को संपत्ति में अधिकार तथा औरत कोई भोग की वस्तु नहीं , इंसान हैं । इस अवधारणा को स्थापित किया।
श्री आजाद ने मणिपुर का जिक्र करते हुए कहा कि आज मणिपुर हिंसा की आग में जल रहा है। महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाया जा रहा है। चर्च जलाए जा रहे हैं। कानून और व्यवस्था नाम की चीज नहीं है । मुख्यमंत्री श्री एन विरेन्द्र सिंह हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। सरकार चलाने में सक्षम नहीं हो रहे हैं। फिर भी सत्ता पर काबिज हैं। मुख्यमंत्री को चाहिए कि सर्वदलीय बैठक करें जिसमें दल के साथ ही सामाजिक संगठनों, संस्थाओं और प्रगतिशील लोगों को भी बुलावें और समाधान करें। उन्होंने कहा कि आज गांधी , विनोबा , जयप्रकाश नारायण के विरासत पर केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार हमलावर है । हम इसकी निंदा करते हैं और इन महापुरुषों के विरासत को बचाने के लिए शांतिमय संघर्ष की अपील करते हैं। उपेन्द्र सिंह ने कहा कि गया जिले में जमीन का परवाना गरीबों बांटी गई है उसमें से बहुतों को रसीद नहीं काटी गई है। उन्होंने कहा कि भूदान की जमीन में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी और घोटाला हुआ है इसकी जांच होनी चाहिए। बालेश्वर मांझी ने कहा कि आंदोलन की सफलता की वजह से गरीबों में स्वाभिमान जागा और जीवन में बेहतरी आई है। संगोष्ठी को सर्वश्री बिन्दु सिंह , जगदेव सिंह , रमेश , गुप्तेश्वर मांझी , मीना देवी , सावित्री देवी दिनेश यादव फा. एन्टो , रमेशचन्द्र, दिलीप सिंह आदि ने भी अपने विचार रखे। संगोष्ठी में बोधगया, मोहनपुर , बाराचट्टी , डोभी , फतेहपुर , गया से सैंकड़ों की संख्या में महिलाएं और पुरुष शामिल हुए । संगोष्ठी की अध्यक्षता मजदूर – किसान समिति के अध्यक्ष श्री बिशुनधारी यादव और संचालन लोक समिति के श्री राजेन्द्र मांझी ने किया ।

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