मौलाना आबिद क़ासमी दोबारा दिल्ली प्रदेश जमीयत उलेमा ए हिन्द के अध्यक्ष, पर जीत परचम लहराया तथा उपाध्यक्ष चारो पद व कैशियर पद पर जीत हासिल की।
नई दिल्ली – शास्त्री पार्क के मदरसा जमीतुल इस्लामिया फलाह ए दारान ,में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के आयोजन किया गया।
जिसमे जमीयत उलेमा ए हिन्द के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष के लिए एक चुनाव का आयोजन किया गया जिसमें मौलाना आबिद कासमी ने मौलाना दाऊद को 100 वोटों से हराते हुए लगभग 193 वोट प्राप्त किये जबकि मौलाना दाऊद को केवल 93 ही वोट मिले।।
आपको बताते चले इससे पहले भी मौलाना आबिद कासमी के हाथों में ही जमीयत उलेमा ए हिन्द ,दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष का ताज था।।
और इस बार भी वोटरों ने मौलाना आबिद कासमी को चुनते हुए दोबारा जीता कर ये साबित कर दिया कि उनके किये गए कार्यो कितने खुश है।
जहा एक और मौलाना दाऊद के सहयोगियों में उदासी का आलम था वही दूसरी ओर मौलाना आबिद कासमी के सहयोगियों में खुशी की लहर को साफ महसूस किया जा सकता था।।मजे की बात ये रही कि मोलाना आबिद क़ासमी के ग्रुप से चारो उपाध्यक्ष व कैशियर भी जीत गए। मोलाना शाहिद मंगोलपुरी,मोलाना ख़लील नई सीमापुरी यमुनापार,शेख यूसुफ नबी करीम पुरानी दिल्ली,मुफ़्ती हिसामुद्दीन ओखला से उपाध्यक्ष पद जीत हासिल की जबकि हाजी इकरामुद्दीन जाफराबाद ने कैशियर पद पर जीत हासिल की। मोलाना दाऊद ग्रुप का कोई भी सदस्य कोई किस भी पद जीत हासिल नही कर सका। मालूम रहे अध्यक्ष, 4 उपाध्यक्ष व कैशियर का चुनाव वोटिंग जरिये होता है।
अपनी इस जीत के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए जमीयत उलेमा हिन्द के सदर मौलाना आबिद कासमी ने पत्रकारों को बताया इस बार वो पहले की तुलना ओर अधिक बेहतर करने की कोशिस करेंगे।
ओर समर्थकों का भरोसा बनाये रखेंगें।। ओर जी जान से उनके लिए मेहनत करते हर सम्भव कोशिश करेंगे।।
आपको बताते चले गत बीते 11 जुलाई को मुस्लिमो की रहनुमा कही जाने वाली जमात जमीयत उलेमा ए हिन्द का प्रदेश अध्यक्ष चुनाव हो रहा था जिसमे दिल्ली प्रदेश से मौलाना आबिद कासमी ने नामांकन दाखिल किया था, उनके सामने एक और कैंडिडेट मौलाना दाऊद ने नामांकन दाखिल किया था।
आपको बताते चले मुकाबला बड़ा ही रोमांच था लेकिन मौलाना आबिद कासमी ने 193 वोट प्राप्त कर मौलाना दाऊद पर धमाकेदार जीत हासिल की और फिर से सूबे जमीयत उलेमा ए हिन्द दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष का पद एक बार फिर अपने नाम कर लिया।इस मौके पर उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने वालों में मोलाना इस्लामुद्दीन, कारी अय्यूब, हाजी इशहाक, साबिर आदि प्रमुख रहे।