घर की माली हालत और अपाहिज पिता की मजबूरी के कारण एक 17 वर्षीय नाबालिग बालिका को बाल बिबाह जैसी कुरीति के लिए तैयार होना पड़ा । बेगुसराय में ऎसे ही एक नाबालिक लड़की शादी के बंधन में बंधने से ठीक पहले प्रशासन द्वारा बचा ली गई ।मामला बेगुसराय के बखरी अनुमंडल के अकहा वार्ड 13 की है ।इस घटना में लड़की का मानना है कि सरकार अगर उसकी मदद करे तो वो सिर्फ और सिर्फ पढ़ना चाहती है । पर पिता की मजबूरी और गरीबी की बजह से वो इस दलदल में फसने की तैयार हुई ।
बाल विवाह एक दंडनीय अपराध है बाबजूद इसके बेगुसराय में बाल विवाह धड़ल्ले से जारी है । लोगो को न कानून का भय है ना ही लड़कियो की इच्छा का ख्याल । बेगुसराय में जिला प्रशासन की अच्छी सूझबूझ के कारण प्रशासन का डंडा चला तो एक नाबालिक लड़की जिसकी मंसा किसी भी सूरत में शादी करने की नही थी उसकी जिंदगी दलदल में जाने से बच गई । बखरी अनुमंडल के अकहा पंचायत वार्ड 13 की इस घटना में छट्ठू साह की 17 वर्षीय पुत्री सीता कुमारी की शादी उत्तरप्रदेश के फरीदाबाद जिला निवासी राजू कुमार के साथ होने जा रहा था ।यहां तक कि दूल्हा भी गावँ पहुंच चुका था बस इंतजार शादी के बंधन में बंधने की थी । तभी पुलिस और अधिकारी दल बल के साथ पहुंचे और इस शादी को रुकवाया । काफी देर तक अफरा तफरी का माहौल बना रहा बाबजूद इसके इस शादी को होने से रोका गया । लड़की के मुताबिक उसकी इक्छा शादी करने की नही बल्कि पढ़ने की है पर अपाहिज पिता की मजबूरी और गरीबी ने इस दलदल तक घसीट लाई । लड़की इस शादी के नहीं होने से बेहद खुश है ।
परिजनों के मुताबिक उनकी मजबूरी और पिता का अपाहिज होना लड़की की शादी करने को मजबूर कर दिया था । रेखा घर में सबसे बड़ी बहन है उसके बाद भी कई और बहने हैं । जिसकी वजह से जैसे तैसे रेखा की शादी कर पिता होने का दायित्व अपनी कंधे से उतार देना चाहता था। पर प्रशासन ने इस शादी को होने से रोक दिया जिससे घर में शादी का माहौल एक अलग ही माहौल में तब्दील हो गया। इस शादी में जैसे ही वर पक्ष को इस बात की जानकारी मिली वर पक्ष बारातियों के साथ वहां से फरार हो गया। परिवार के लोग सरकार से आर्थिक मदद की गुहार लगा रहे है ।
वहीं इस मामले में गांव वाले बताते हैं वह लोग बेहद गरीब हैं और सरकार की ओर से कोई भी मदद उक्त परिवार तक नही पहुंच पाया। यही वजह है कि अपाहिज पिता की हालत को देख कर शादी करना परिवार की मजबूरी थी।वही इस संबंध में जब प्रशासनिक स्तर से यह जानने की कोशिश की गई आखिर इस परिवार के हालात ऐसे क्यों हैं इन्हें कौन कौन सी योजना का लाभ दिया गया है । तो आपको ये जानकर बेहद आश्चर्य होगा कि इस परिवार को अब तक एक शौचालय भी नही मिल पाया है । पर प्रशासनिक स्तर पर यह जानकारी दी जा रही है कि इस परिवार को इंदिरा आवास मुहैया कराया गया है .जिला प्रशासन की तत्परता से भले ही या शादी अपने अंजाम तक ना पहुंच पाया हो और कानून की रक्षा भी हुई हो पर इस पूरे मामले को देखा जाए तो यह स्पष्ट है कि आम लोगों तक इस कानून के संबंध में ना तो कोई जानकारी है और ना ही जागरूकता।