नवी मुंबई के प्रमुख जल स्रोत मोरबे बांध में इस वर्ष जलस्तर पिछले वर्षों के मुकाबले काफी नीचे दर्ज किया गया है। 7 अगस्त तक, बांध की कुल भंडारण क्षमता का केवल 11.73% हिस्सा ही उपलब्ध है, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह आंकड़ा 12.23% अधिक था। हालांकि, वर्तमान में बांध 81.21% भरा हुआ है, लेकिन पिछले दो वर्षों के डेटा की तुलना में यह एक गंभीर कमी को दर्शाता है। इस स्थिति को देखते हुए नगर प्रशासन ने नागरिकों से जल का सावधानीपूर्वक उपयोग करने की अपील की है।
मानसून की अनिश्चितता और जल संकट की आशंका
इस वर्ष जून–जुलाई में हुई मानसूनी वर्षा संतोषजनक रही, लेकिन नारली पूर्णिमा के बाद अगस्त में बारिश में भारी गिरावट दर्ज की गई है। यह कमी बांध के जल भंडारण पर सीधा प्रभाव डाल रही है। मोरबे बांध की अधिकतम भंडारण क्षमता 88 मीटर है, लेकिन वर्तमान में जलस्तर 84.27 मीटर पर ही स्थिर है, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 2 मीटर कम है।

क्या कहते हैं आंकड़े?
- 2023 में इसी अवधि में जलस्तर: 86.47%
- 2024 में वर्तमान स्तर: 81.21%
- अनुमानित जल उपलब्धता: 21 अप्रैल 2026 तक (हालांकि, मोटाय जलाशय का स्तर भी चिंताजनक है)
नागरिकों के लिए सुझाव और प्रशासन की चेतावनी
प्रशासन का मानना है कि यदि जल्द ही भारी वर्षा नहीं हुई, तो आने वाले महीनों में जलापूर्ति पर असर पड़ सकता है। नागरिकों को सलाह दी गई है कि वे—
अनावश्यक पानी की बर्बादी रोकें (जैसे: पाइप लीक की मरम्मत, बाल्टी से वाहन धोना)।
वर्षा जल संचयन जैसे वैकल्पिक स्रोतों को अपनाएं।
पानी का पुनर्चक्रण करें (उदाहरण: घर के उपयोग के बाद बचे पानी से पौधों की सिंचाई)।
मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले दिनों में भारी वर्षा की संभावना कम है। ऐसे में जल संरक्षण ही एकमात्र विकल्प बचता है। नगर निगम द्वारा जलापूर्ति में कटौती से बचने के लिए सामूहिक जागरूकता और सतर्कता आवश्यक है।