मप्र नर्सेस रजिस्ट्रेशन काउंसिल अपने आप में बड़ा फर्जीवाड़ा, इसलिए कार्रवाई : हाई कोर्ट

News Desk
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मनीष गर्ग 

हाई कोर्ट की  ग्वालियर बेंच ने एक और नर्सिग तल्खी की वजह नर्सिंग कॉलेज ने मांगी थी छूट कॉलेज की याचिका पर सुनवाई करते हुए मप्र नर्सेस रजिस्ट्रेशन काउंसिल (एमपीएनआरसी) पर तल्ख टिप्पणी की है। बीते मंगलवार को हाई कोर्ट ने काउंसिल को बेलगाम घोड़ा कहा था। सोमवार को सुनवाई में कोर्ट ने इसे ब्लैक शीप बताया न्यू इरा स्कूल ऑफ नर्सिंग की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि ये काउंसिल अपने आप में बड़ा फर्जीवाड़ा है, इसलिए हमने उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। मामले की अगली सुनवाई अब 27 को होगी।
झाबुआ के नर्सिंग कॉलेज ने हाई कोर्ट में याचिका दायर करते हुए खुद को सीबीआई जांच से दूर रखने की गुहार लगाई थी। कॉलेज ने सत्र 2019-20 व 2020-21 की परीक्षाएं कराने की अनुमति मांगी और कोर्ट को बताया कि काउंसिल द्वारा गठित कमेटी ने हमारे कॉलेज की जांच की थी। इसमें सभी व्यवस्थाएं चाक-चौबंद मिली थीं। इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि इसी काउंसिल ने कमेटी का गठन किया था और नर्सिंग कॉलेजों की जांच के बाद कहा था कि सब ठीक है। बाद में यही ऐसा कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर पाई कि कैसे ये कॉलेज सही तरीके से चल रहे हैं? कोर्ट ने कॉलेज को राहत देने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने यह कहा की दसवीं बारहवीं की मार्कशीट की बोर्ड की मान्यता है कि नहीं है की फर्जी तरीके से स्टूडेंट्स को एडमिशन दे दिया गया वह स्टूडेंट जो फर्जी तरीके से 10वीं और 12वीं की अंक सूची में नंबर तो ले आते हैं पर उनसे कुछ बनता तक नहीं ऐसे नर्सिंग कॉलेज जो मानव की रक्षा नहीं कर सकते ऐसे कालेजों को बंद कर देना चाहिए ऐसे कॉलेज कभी दस्तावेज नहीं देते ऐसे कालेज कुछ प्राइवेट या कुछ सरकारी हो सकते जो फर्जी तरीके से स्टूडेंट छात्र को डिग्रियां दे देते हैं ऐसे ही नर्सिंग कॉलेजों की मध्यप्रदेश में जांच होना चाहिए? जो मानव जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं? कोर्ट ने कालेजों को राहत देने से इंकार कर दिया?

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