Nature जब कहर बनकर टूटती है

Aanchalik khabre
By Aanchalik khabre
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Nature विदोहन से हम मौत के कितने पास आ गए

आजकल लोगों को लगता है कि एसी, कूलर ,पंखा आदि के सहारे जीवन धारा कट रही है ,तो यह हम सब समाज की भूल है आने वाले समय में बहुत ही कष्टकारी वह भयावह होगा, जिसका अनुमान लगाया जाना नामुमकिन है। अतः समाज के इन्सान अपने वर्तमान समय में अपनी सुरक्षा में दो वृक्ष अवश्य लगाएं। आज Nature को जरूरत है 400 से 500 करोड़ वृक्षों की, नहीं तो अभी शुरुआत में 45 से 50 डिग्री तापमान जा रहा है

Nature

जिससे आगे Nature विदोहन विकास की आड़ में और बढ़ेगा तो तापमान 55 से 60 डिग्री होते देर नहीं लगेगी धरती पर युद्ध लगातार हो रहे हैं इससे पाप बढ़ता है। Nature जब कहर बनकर टूटती है तो सब कुछ फेल हो जाता है तापमान 55 डिग्री के बाद इंसान जीवित नहीं रह सकेगा, अतः समय रहते सभी लोग पहले प्राकृतिक संतुलन को बनाए रखने के लिए दो पौधे लगाए और इसकी शुरुआत आने वाली बरसात के मौसम से शुरू कर दें

एक पौधा की सुरक्षा करने में भी एक बच्चे जैसा वक्त लगता है 6 वर्ष लेकिन पौधा बच्चे जैसा खर्चा नहीं मांगेगा । इसलिए Nature को सुरक्षित रखने के लिए दो पौधे समाज के सर्वजातीय इन्सान अपनी सुरक्षा में लगाएं और आगे कष्ट करके तीन लोगों से दो-दो पौधे लगाए,ऐसे ही जंजीर बना कर पूरे भारत में जोड़ा जाए जिससे Nature संतुलन अगले दो-तीन वर्षों में सही हो जाए नहीं तो यहां पर आग बरसेगी पानी का नामोनिशान नहीं बचेगा।

 

                                                                                                                                                      चित्रकूट से प्रमोद मिश्रा 

 

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