नवी मुंबई हवाई अड्डा अपने उद्घाटन से पहले ही विवादों में घिर गया है। स्थानीय नेताओं और ‘भूमिपुत्रों’ का कहना है कि हवाई अड्डे का नाम डी.बी. पाटिल के नाम पर रखा जाना चाहिए। अगर 29 सितंबर तक नाम का निर्णय नहीं लिया गया, तो क्षेत्र में विरोध प्रदर्शन तेज़ होंगे। एनएमआईए सर्वदलीय कार्रवाई समिति ने वाशी में बैठक कर इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से तुरंत समाधान की मांग की।
H2: नाम विवाद के पीछे राजनीतिक और सामाजिक कारण
भिवंडी के सांसद सुरेश म्हात्रे ने कहा कि केवल आश्वासन से काम नहीं चलेगा। भाजपा नेता कपिल पाटिल ने स्पष्ट किया कि नाम की पुष्टि हवाई अड्डे की पहली उड़ान से पहले होनी चाहिए। डी.बी. पाटिल को परियोजना प्रभावित लोगों के लिए किए गए अथक संघर्ष के लिए सम्मानित किया गया है, जिसमें 12.5% विकसित भूमि योजना की शुरुआत भी शामिल है।
प्रकाशजोत सामाजिक संस्था ने बॉम्बे उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर केंद्र सरकार की निष्क्रियता को चुनौती दी। संगठन के अध्यक्ष विकास पाटिल का कहना है कि महाराष्ट्र विधानमंडल का सर्वसम्मति प्रस्ताव अनादरित किया गया है।
H3: प्रदर्शन और भविष्य की कार्रवाई
भिवंडी सांसद म्हात्रे ने चेतावनी दी है कि जब तक डी.बी. पाटिल का नाम हवाई अड्डे पर नहीं होगा, कोई भी विमान उड़ान नहीं भर पाएगा। पनवेल के भाजपा विधायक प्रशांत ठाकुर ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल दिल्ली जाएगा, लेकिन साथ ही व्यंग्य भी किया कि जो अब डी.बी. पाटिल के लिए रैलियाँ कर रहे हैं, उन्होंने पहले बाल ठाकरे का नाम सुझाया था।
भूषण पाटिल ने कहा, “यह केवल नाम नहीं, बल्कि हमारे अधिकारों और बलिदान का सम्मान है। डी.बी. पाटिल के नाम पर हवाई अड्डा रखने से उनके योगदान को याद किया जाएगा।
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