नेपाल की राजनीति में इस समय कुछ अलग ही नज़ारा देखने को मिल रहा है। जहां आमतौर पर प्रधानमंत्री का चयन संसद या राजनीतिक दलों के बीच होता है, वहीं इस बार देश की युवा पीढ़ी यानी Gen Z ने प्रधानमंत्री चुनने के लिए तकनीक का सहारा लिया है।
Discord बना राजनीति का नया मंच
युवाओं ने पारंपरिक रैलियों और बैठकों से हटकर Discord चैट ऐप का इस्तेमाल शुरू किया है। इस प्लेटफ़ॉर्म पर हजारों छात्र-छात्राएं और युवा नेता मिलकर चर्चा कर रहे हैं और संभावित प्रधानमंत्री के नाम पर राय बना रहे हैं।
क्यों चुना गया Discord?
- आसान पहुँच – मोबाइल और कंप्यूटर से आसानी से इस्तेमाल किया जा सकता है।
- गोपनीय बातचीत – निजी चैनलों में सुरक्षित चर्चा संभव है।
- समूह शक्ति – बड़ी संख्या में युवाओं की राय एक जगह इकट्ठा की जा सकती है।
- तुरंत निर्णय – पोल और वोटिंग फीचर से तुरंत नतीजे मिल जाते हैं।
Gen Z की राजनीतिक सोच
नेपाल की युवा पीढ़ी चाहती है कि राजनीति में पारदर्शिता और आधुनिकता आए। उनका मानना है कि डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर खुली बहस से नेता चुनने की प्रक्रिया ज्यादा लोकतांत्रिक बन सकती है। यही कारण है कि Discord जैसे ऐप उनकी पहली पसंद बने हैं।
भारत और दुनिया के लिए संदेश
यह प्रयोग केवल नेपाल तक सीमित नहीं है। यह पूरी दुनिया को दिखाता है कि डिजिटल युग में राजनीति और लोकतंत्र का स्वरूप बदल रहा है। भारत और अन्य देशों के लिए भी यह एक सीख है कि नई पीढ़ी अब बदलाव की दिशा में ऑनलाइन टूल्स का इस्तेमाल करने लगी है।
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