समस्तीपुर-प्रेस क्लब भवन को हंस्तारित करने का आदेश को जिलाधिकारी एंव सूचना एंव जनसंपर्क विभाग के द्वारा छुपा कर रखने पर स्थानीय समाचारपत्र के प्रकाशक ने लगाया आरोप-आंचलिक ख़बरें-रमेश शंकर झा

News Desk
7 Min Read
WhatsApp Image 2019 08 12 at 5.57.11 PM

 

ब्यूरो रमेश शंकर झा
समस्तीपुर बिहर।

समस्तीपुर:- जिले के विभिन्न समाचारपत्र के प्रकाशक एंव सम्पादक सहित कई पत्रकारों ने जिलाधिकारी एंव जिला सूचना एंव जनसंपर्क पदाधिकारी समस्तीपुर पर प्रेस क्लब भवन हंस्तारित करने में बिहार सरकार द्वारा जारी पत्र की अवहेलना करते हुऐ ०१ साल ०२ महीने १६ दिनों तक पत्रकारों से छुपाये रखने को लेकर स्थानीय जिले से प्रकाशित समाचारपत्र के प्रकाशक एंव सम्पादकों सहित पत्रकारों में आक्रोश व्याप्त है। इसके लिए उन्होंने जिलाधिकारी सहित सूचना एंव जनसंपर्क कार्यालय पर गंभीर आरोप लगाते हुऐ बिहार सरकार सहित सूचना जनसंपर्क विभाग के निदेशक एंव आयुक्त सह सचिव पटना को एक शिकायत पत्र देते हुऐ कहां की समस्तीपुर प्रेस क्लब भवन को एक साल दो महीना सोलह दिनों तक १७ मई १८ के बिहार सरकार के द्वारा जारी प्रेस क्लब भवन को पत्रकारों को हंस्तारित करने का आदेश किसके दबाव में दबाकर रखा गया था।

वहीँ झंझट टाईम्स के प्रकाशक एंव सम्पादक आर०के० राय, सनज्योति के समाचार सम्पादक जयशंकर प्रसाद सिंह, मिथिला हिन्दी न्यूज बेव पोर्टल के सम्पादक राजेश कुमार वर्मा, इंडिया पब्लिक न्यूज के सम्पादक रमेश शंकर झा, मिथिला सिटी न्यूज के सम्पादक राजेश कुमार झा, दुर देहात के सम्पादक विकाश कुमार, मीडिया दर्शन दैनिक समाचार पत्र के ब्यूरो धर्मेंद्र कुशवाहा सहित इत्यादि दर्जनों पत्रकारों ने आरोप लगाया है की समस्तीपुर के वर्तमान जिलाधिकारी और सूचना एंव जनसंपर्क कार्यालय समस्तीपुर के क्रियाकलापों के कारण समस्तीपुर प्रेस क्लब भवन को हंस्तातरण समस्तीपुर प्रेस क्लब को नहीं किया जाना इन पदाधिकारियों के क्रियाकलापों एंव आचरणों पर प्रश्न चिन्ह लगा है ।

उनलोगों ने आगे कहा है कि ताजुब्ब की बात लगता है की समस्तीपुर जिला निबंधन कार्यालय से निबंधित समस्तीपुर प्रेस क्लब के कागजात जिलाधिकारी के साथ ही सूचना एंव जनसंपर्क पदाधिकारी को बीते वर्ष २०१८ के मई माह में समर्पित किऐ जाने के बावजूद भी हंस्तारित नहीं किया जाना एंव भ्रष्टाचारियों, शिक्षा माफियाओं के साथ ही शराब माफियाओं को संरक्षण दिये जाने जैसा प्रतीत होता है। उनलोगों ने आगे यह भी आरोप लगाया है कि बिहार सरकार के आदेश निर्गत होने के पहले का निबंधन समस्तीपुर प्रेस क्लब १० .०५. १८ का ही है। जबकि बिहार सरकार का आदेश १७.५.१८ को जारी किया गया था।

इस निबंधन को मान्यता नहीं दिऐ जाने के पीछे कौन सी मंशा जिला प्रशासन का है , यह स्वतः स्पष्ट हो जाता है । उनलोगों ने आरोप पत्र में यह भी कहा है की समस्तीपुर प्रेस क्लब को कुछ फर्जी लोगों द्वारा हड़पने के दृष्टिकोण से समस्तीपुर जिले के अपराधकर्मियों, शिक्षा माफियाओं, भ्रष्टाचारियों, शराब माफियाओं, वेश्यावृतियों में संलिप्त धंधेबाजों के द्वारा फर्जी समस्तीपुर प्रेस क्लब का निर्माण कर एंव प्रेस क्लब के फर्जी अध्यक्ष, सचिव एंव अन्य पदाधिकारी का चुनाव कर जिला प्रशासन को गुमराह किया गया।

वहीं उनलोगों ने स्पष्ट करते हुऐ आरोप पत्र में यह भी बताया है कि तत्कालीन जिलाधिकारी प्रणव कुमार समस्तीपुर , तत्कालीन सूचना एंव जनसंपर्क पदाधिकारी प्रमोद कुमार एंव तत्कालीन पुलिस अधीक्षक एन० के० सिंह समस्तीपुर को संज्ञान में ( सनज्योति ) एंव झंझट टाईम्स हिन्दी साप्ताहिक के सम्पादक आर० के० राय ने दिया। लेकिन मामले की गम्भीरता को देखते हुए समस्तीपुर प्रेस क्लब के चुनाव में शामिल पत्रकारों की फर्जी सूची की जांच सम्बंधित समाचार पत्रों , न्यूज एजेंसी एंव इलेक्ट्रॉनिक न्यूज चैनल के सम्पादकों से मेल और पत्राचार किये जाने का आदेश जिलाधिकारी ने दिया था। परन्तु तीनों अधिकारियों के तबादले के बाद अपराधकर्मियों, शिक्षा माफियाओं, भ्रष्टाचारियों , शराब माफियाओं, तंत्र हावी हो गए।

दूसरी ओर वर्तमान जिलाधिकारी एंव सूचना जनसंपर्क कार्यालय को कई बार इस दिशा में इनलोगों के द्वारा ध्यानाकर्षण कराया जाने के बावजूद इन माफियाओं के प्रभाव एंव दबाव में आकर न कोई जांच किया और ना ही किसी प्रकार की कार्रवाई किया गया और उल्टे तमाम शिकायत पत्र को रद्दी की टोकरी में डाल दिया । वहीं जुलाई १९ में सरकार से समस्तीपुर प्रेस क्लब भवन को हंस्तातरण करने की मांग की गई तो आनन फानन में जिलाधिकारी के निर्देश पर समस्तीपुर प्रेस क्लब भवन को हंस्तातरण लेने एंव प्रेस क्लब की निबंधन की बात ०२ अगस्त १९ को पत्रांक ३०८/०२.०८.१९ के माध्यम से सूचना एंव जनसंपर्क कार्यालय समस्तीपुर के मेल से अध्यक्ष के नामें संवोधित पत्र के द्वारा सभी पत्रकारों को दिया गया।

उन्होंने कहा कि आश्चर्य की बात है की १७.५.१८ के पत्रांक ६९० को ही ०२.०८.१९ को जारी करते हुए दुबारा निबंधन की प्रक्रिया से गुजरने की सूचना दिया जाता है जो अपने आप में विवादित और संदेहयुक्त हो गया है क्योंकि समस्तीपुर प्रेस क्लब के भवन हंस्तातरण करने एंव प्रेस क्लब की निबंधन की प्रति मई १८ में ही जिलाधिकारी एंव सूचना एंव जनसंपर्क अधिकारी के हाथों में समर्पित किया जा चुका है।
उनलोगों का यह भी आरोप है कि समस्तीपुर जिला प्रशासन द्वारा पत्रकारों के साथ धोखाधड़ी किया जाता है तो आम जनता की दुर्दशा क्या होती होगी यह कल्पना स्वयं कर सकते है।

बिहार सरकार के साथ ही निदेशक सूचना एंव जनसंपर्क विभाग सहित १५ से भी उपर पदाधिकारियों को पत्र देकर बिहार सरकार के निर्देश को एक साल दो महीने सोलह दिनों तक किन अधिकारियों एंव कर्मचारियों के कारण दबाए रखा और विलम्ब से संचिका की अग्रेतर कार्रवाई किया है। इसकी निष्पक्ष जांच करने की मांग करते हुऐ आगे दिशा निर्देश जारी करने के साथ ही समस्तीपुर प्रेस क्लब भवन को हंस्तारित करने सहित दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग किया है।

Share This Article
Leave a Comment