झुंझुनू-स्त्री शक्ति का प्रतीक है झुंझुनू का राणी सती मंदिर-आंचलिक ख़बरें-संजय सोनी

Aanchalik Khabre
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झुंझुनू।राजस्थान के झुंझुनू में स्थित है विश्वख्यातिप्राप्त राणी सती का मंदिर। शहर के बीचों-बीच स्थित मंदिर झुंझुनू शहर का प्रमुख दर्शनीय स्थल है। बाहर से देखने में ये मंदिर किसी राजमहल सा दिखाई देता है। पूरा मंदिर  संगमरमर से निर्मित है। इसकी बाहरी दीवारों पर शानदार रंगीन चित्रकारी की गई है।भाद्रमाह की अमावस्या के दिन विशेष वार्षिक पूजा की जाती है।इस अवसर पर मन्दिर की विशेष सजावट आकर्षण का केंद्र रहता है।देश विदेश में बसे प्रवासी राजस्थानी दादी के दर्शनों हेतु यहां आते है वहीं इस महाकुंभ में पधारे श्रद्धालुओं को कोई दिक्कत ना इस हेतु मंदिर प्रशासन व जिला पुलिस प्रशासन विशेष चौकसी रखते है।

राणी सती जी को समर्पित झुंझुनू का ये मंदिर तकरीबन 400 साल पुराना है। यह मंदिर सम्मान, ममता और स्त्री शक्ति का प्रतीक है। देश भर से भक्त राणी सती मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं। भक्त यहां विशेष प्रार्थना करने के साथ ही भाद्रपद माह की अमावस्या पर आयोजित होने वाले वार्षिक पूजा में भी हिस्सा लेते हैं।राणी सती मंदिर के परिसर में कई और मंदिर हैं, जो शिवजी, गणेशजी, माता सीता और रामजी के परम भक्त हनुमान को समर्पित है। मंदिर परिसर में षोडश माता का सुंदर मंदिर है, जिसमें 16 देवियों की मूर्तियां लगी है,परिसर में लक्ष्मीनारायण मंदिर भी बना है वहीं नवग्रह मंदिर ही परिसर में बना हुआ है
राजस्थान के मारवाड़ी लोगों का दृढ़ विश्वास है कि राणी सती जी, स्त्री शक्ति की प्रतीक और मां दुर्गा का अवतार थी। उन्होंने अपने पति के हत्यारे को मार कर बदला लिया और फिर अपनी सती होने की इच्छा पूरी की। राणी सती मंदिर भारत के सबसे अमीर मंदिरों में से एक है। वैसे अब मंदिर का प्रबंधन सती प्रथा का विरोध करता है। मंदिर के गर्भ गृह के बाहर बड़े अक्षरों में लिखा है की हम सती प्रथा का विरोध करते है।मंदिर में श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ को देखते हुए प्रबन्ध समिति द्वारा मंदिर परिसर को 11 अलग अलग चौक के अनुसार व्यवस्थित किया है, जिससे बाहर से आये दादी भक्तों को सुगमता से दर्शन करने का अवसर मिल सके।

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