अब याद करना हुआ आसान –
मुनि इंटरनेशनल स्कूल में छात्रों व शिक्षकों के लिए आयोजित की गई चार दिवसीय मेगा मेमोरी वर्कशाप
नई दिल्ली – भारत और विश्व के कई देशों में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के लिये प्रसिद्ध जापान सरकार के भारत के एकमात्र पार्टनर, दिल्ली के मुनि इंटरनेशनल स्कूल, जिसे यूनेस्को ने विश्व स्तर पर एजुकेशन मेथडोलाजी में सातवें नंबर पे रैंकिग दी है।
अशोका फांउडेशन यू.एस.ए. ने इस स्कूल को चेंजमेकर अवार्ड दिया जो वर्तमान में सी.बी.एस.ई दिल्ली में नं.1 रैंकिग प्राप्त स्कूल है।
इस स्कूल में पढ़ रहे विद्यार्थियो और शिक्षक-शिक्षिकाओं के लिये चार दिवसीय मेगा मेमोरी वर्कशाप का आयोजन किया गया। यह वर्कशॉप छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिला से आने वाले अवधेश पटेल द्वारा सम्पन्न की, जो पिछले 15 वर्षों से विख्यात मेमोरी ट्रेनर होने के साथ-साथ गोल्डमेडलिस्ट भी हैं। श्री पटेल भारत के विभिन्न राज्यों में विद्यार्थिंयों, शिक्षकों अभिभावकों तथा प्रतियोगी परीक्षार्थियों के बीच अपनी संस्था मेगा मेमोरी मेरिकल के माध्यम से आसानी से याद करने की प्रभावशाली तकनीक सिखा रहे हैं।
मुनि स्कूल में आयोजित वर्कशॉप में भी इन्होंने विद्यार्थियों व शिक्षकों को प्रभावशाली मेमोरी तकनीक के माध्यम से आसानी से याद करने की विलक्षण तकनीक से परिचित करवाते हुए, कम समय में अधिक याद करने के गुर सिखाए।
इस तकनीक में प्रतिभागियों ने अपने राईट ब्रेन का उपयोग करना सीखा व अपनी राईट ब्रेन की रचनात्मकता का उपयोग करते हुए तीन दिन में केमेस्ट्री के 50 प्रतिशत पिरियोडिक टेबल को याद किया और बिना देखे सुनाया। इसी प्रकार 15-20 बिदुओं के उत्तर को 3-5 मिनट में याद करना सीखा, वहीं 30-40 शब्दों को 5 मिनट में याद करके उल्टा व सीधा क्रम में भी सुनाया। इसके अलावा छात्रों ने नक्शा,नाम,जन्म-तिथि, चेहरे,100 साल का कैलेंडर व तिथि से दिन ज्ञात करने की तकनीक भी सीखी। आई फिक्सेसन टेकनीक से अपनी पठनगति दुगूना करने की तकनीक जनरल नालेज,डायग्राम, भारतीय संविधान की धारा, इतिहास की तिथि, आसानी से कम समय में याद करना सीखे व कक्षा में व्यावहारिक प्रयोग किये।ब्रेन वेव में अल्फा तरंगों के प्रयोग को सीखा कार्यशाला में दिल्ली के अलावा हरियाणा,व उत्तर प्रदेश के शिक्षक, शिक्षिकायें सम्मिलित हुए। कार्यशाला पश्चात सभी प्रतिभागी अत्यंत प्रसन्नचित व उत्साहित हुए।
इस कार्यशाला के प्रतिभागी कक्षा 10वीं के छात्र अविरल चैधरी ने बताया जिस पिरियोडिक टेबल को कठिन माना जाता था उस टेबल को मैंने 2-3 मिनट में याद कर लिया। साथ ही कक्षा 5वीं के छात्र प्रत्युष पनवार ने बताया कि मुझे चींजे याद करने में समय लगता था जो अब चींजों को याद करने में कम समय लगता है। कक्षा 7वीं के छात्र आर्यव्रत शुक्ला ने बताया पहले मैं रट-रट कर याद करता था पर अब मैं इस नए मैथड का प्रयोग करके बहुत ही आसान तरीके से याद कर लेता हूं। कक्षा 5 वीं की छात्रा का कहना है कि पहले कुछ भी आसानी से याद नहीं होता था जैसे देशों के नाम, नदियों के नाम प्रेसीडेंट के नाम आदि अब ये सभी नाम मेमोंरी टेकनिक का उपयोग कर आसानी से कभी भी याद कर सकती हूं।
समापन में मुनी इंटरनेशनल स्कूल संस्थापक डॉ. अशोक ठाकुर ने कहा आज बच्चों ने जिस विलक्षण तकनीक को सीखा है उससे विद्यार्थी व शिक्षक बिना किसी तनाव के अपने पढ़ाई में बेहतर प्रदर्शन करते हुए लक्ष्य को कम से कम समय में प्राप्त कर सकते हैं। उन्होने कहा कि मुनि स्कूल परिवार मेगा मेमोरी मिरेकल के संस्थापक अवधेश पटेल के प्रति कृतज्ञ रहेगा।
कार्यशाला में कुछ अभिभावकों ने भी शिरकत की और इसका लाभ उठाया, अभिभावकों ने अपने विचार व्यक्त करते हुए बताया कि इस कार्यशाला से छात्रों के साथ-साथ उन्हें भी लाभ मिला है।