हमीरपुर-नेता जीतते रहे जनता हारती रही, रास्ता विकास का निहारती रही -आंचलिक ख़बरें-मुन्ना विश्वकर्मा

News Desk
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-सुमेरपुर – 1952 से लेकर 2019 तक की राजनैतिक यात्रा मे कुरारा, सुमेरपुर, व मौदहा क्षेत्र की जनता ने विभिन्न दलों के नेताओं को विधान सभा पहुंचाकर विकास के नाम पर उन पर भरोसा जताया |मगर आशा के अनुरूप परिणाम नहीं मिल सका |हर बार नेता तो जीत जाते रहे मगर जनता हार जाती रही है  | अब यहां की जनता ने भाजपा के साथ युवराज सिंह पर भरोसा जताया है |कामयाबी कितनी मिलती है वक्त बताएगा |
गौर तलब है कि 1952 में हमीरपुर से सुरेंद्र दत्त बाजपेयी पहले विधायक बने तो मौदहा विधान सभा से तेजप्रताप सिंह पहले विधायक चुने गए थे | 1957 में भी हमीरपुर से  सुरेंद्र दत्त बाजपेयी विधायक चुने गए तो मौदहा से 1957 में मौदहा से राम गोपाल गुप्ता विधायक बनाए गए थे | इसी के बीच 1958  में मौदहा मे उप चुनाव हुआ तो तत्कालीन मुख्यमंत्री चंद्रभान गुप्ता पर भरोसा न जताकर मौदहा क्षेत्र की जनता ने डॉ राजेंद्र कुमारी को विधान सभा पहुंचाया था |हमीरपुर से 1962 मे तीसरी बार सुरेंद्र दत्त बाजपेयी विधायक चुने गए तो  मौदहा से ब्रजराज सिंह को विधायक बनाया गया था | हमीरपुर से 1967 में बजरंगबली ब्रह्मचारी विधायक चुने गए तो मौदहा से बी सिंह को नेतृत्व सौंपा गया था  | 19 69 मैं हमीरपुर से प्रताप नारायण दुबे विधायक चुने गए तो मौदहा से ब्रजराज सिंह विधायक चुने गए थे  | मौदहा मे 1974 के  चुनाव में कुँवर बहादुर  मिश्रा विधायक बनाए गए थे तो हमीरपुर से प्रताप नारायण दुबे विधायक बनने मे सफल हुए थे | हमीरपुर से  1977मे ओंकार नाथ दुवे विधायक बने तो मौदहा से लक्ष्मीनारायण विधायक निर्वाचित हुए थे |हमीरपुर में 1980 में प्रताप नारायण दुबे विधायक बने तो मौदहा मे दूसरी बार कुँवर बहादुर मिश्रा को विधायक बनाकर लोगों ने उन पर भरोसा जताया था |,हमीरपुर से  1985 में जगदीश नारायण शर्मा विधायक बने थे तो मौदहा मे कुँवर बहादुर मिश्रा को तीसरी बार विधायक बनने का अवसर मिला था |,हमीरपुर से 1989 में अशोक कुमार सिंह चंदेल विधायक बनने में कामयाब हुए तो मौदहा से युवराज सिंह विधायक बने थे | 1991 में हमीरपुर की  जनता  ने  शिवचरण प्रजा पति को विधान सभा पहली बार पहुंचाया था तो मौदहा मे बादशाह सिंह को लोगों ने पहली बार विधान सभा पहुंचाया था  | हमीरपुर में 1993 में अशोक कुमार सिंह चंदेल को विधायक बनने का अवसर मिला तो मौदहा मे बशीरउद्दीन को जनता ने विधायक बनाया जो मंत्री भी रहे |हमीरपुर से  1996 में शिव चरण प्रजापति को तीसरी बार जनता ने विधायक बनाया था |मंत्री बनने का अवसर इन्हे भी मिला |वही मौदहा से 1996 में बादशाह सिंह को दूसरी बार विधायक बनाया गया था | हमीरपुर विधान सभा में 2002 में शिव चरण प्रजापति को तीसरी बार  विधायक चुना था वहीं मौदहा मे बादशाह सिंह को भी तीसरी बार विधायक का तोहफा मिला |हमीरपुर  की जनता ने 2007 में अशोक कुमार सिंह चंदेल, को तीसरी बार विधायक पद से नवाजा तो मौदहा मे बादशाह सिंह को चौथी बार विधायक बनने का सुअवसर जनता ने दिया था |बादशाह सिंह को भी मंत्री  पद का ओहदा मिला |2012 में संपन्न हुए विधान सभा के चुनाव के पूर्व मौदहा विधान सभा का विलय हमीरपुर विधान सभा में हो जाने पर साध्वी निरंजन ज्योति, को विधायक चुना गया था | 2014 के उपचुनाव में  शिवचरण प्रजापति को चौथी बार विधायक बनाया गया |2017 के चुनाव में अशोक सिंह चंदेल को चौथी बार विधायक बनाकर लखनऊ भेजा गया | अब 2019 के उप चुनाव में भाजपा के युवराज सिंह को विधायक बनने का सुअवसर यहां की जनता ने दिया है | एक महिला को हमीरपुर में विधायक बनाकर लोगो ने उम्मीद जताई थी  तो मौदहा मे भी एक बार ही एक महिला को विधायक बनने का अवसर अभी तक मिल सका |हमीरपुर विधान सभा में लोगों ने सबसे अधिक सात बार कांग्रेस के प्रत्याशियों को विधायक बनाया |कांग्रेस के अलावा लोगो ने  बसपा को तीन बार, सपा को दो बार जनसंघ को दो बार, निर्दलीय को एक बार तथा भाजपा को तीन बार विधायक दिए हैं |मौदहा विधान सभा में 2012 के पहले तक लोगों ने कांग्रेस को सात विधायक दिए जबकि जनसंघ को एक बार भाजपा को तीन बार बसपा को दो बार जे एन पी  को एक बार विधान सभा पहुंचाया | किन्तु यहाँ से सपा को एक बार भी कामयाबी नहीं मिल सकी |यदि जातीय आधार पर गौर करें तो  1952 से  2019 तक   हमीरपुर में ब्राह्मण 9 बार, क्षत्रिय 3 बार, प्रजापति 4बार, निषाद को एक बार विधायक बनने का अवसर मिला |जबकि मौदहा मे ब्राह्मण को  3 बार, क्षत्रिय को 10 बार, वैश्य कॊ दो बार,व  मुस्लिम को एक बार विधायक बनने का अवसर मिला है | किंतु यहाँ की जनता को अपेक्षा के अनुरुप लाभ नहीं मिल सका |बेरोजगारी,  शिक्षा, पेयजल, सिंचाई, सड़क, स्वास्थ्य, अन्ना प्रथा, भ्रष्टाचार,से आज भी लोग त्रस्त है |गरीबी, कर्ज से लोग परेशान हैं |किसान आत्महत्या करने पर विवश हैं |अब जब भाजपा के युवराज सिंह को जनता ने विधान सभा भेजा है तो यहां की जनता की मूलभूत समस्याओं के प्रति उनकी जिम्मेदारी बढ़ गई है |कई चुनौतिया उनके सामने है |जनता की परीक्षा में वह कितना खरा उतरते हैं आगे पता चलेगा |
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