सिंगरौली।। शिक्षा व्यवस्था लगातार आए दिन चर्मराती हुई दिख रही है वहीं जिला सिंगरौली में ऐसे कॉलेज और प्राइवेट आईटीआई है जो नियमों को ताक पर रखकर बच्चों से मनमानी फीस वसूली कर रहे हैं।फीस लेने के बावजूद भी रिजल्ट टीसी एसटीसी आदि लेते वक्त भी पैसा देना पड़ता है। पैसा देने के बावजूद भी कालेज संचालक की दबंगई इतना बढ़ गई है, कि बच्चों का रिजल्ट नहीं दे रहे हैं 2013 से 15 बैच के छात्रों का रिजल्ट अब तक भी नहीं मिला आखिर आईटीआई संचालक छात्रों से कितना पैसा वसूलना चाहता है। यह तो आकलन लगाना मुश्किल साबित हो रहा है पी त्रिपाठी आईटीआई से ग्रसित छात्रों ने शिकायत किया कि आईटीआई संचालक की मनमानी से छात्र तंग आ गए हैं।अगर समय रहते रिजल्ट एवं अपने नियमावली को नहीं सुधारा गया तो छात्र आंदोलन भी करने को बाध्य हो जाएंगे।।शिकायत छात्रों ने हर प्रकार के अपने ताकत को लगाकर जिले में बैठे शिक्षा के अधिकारी आयुक्त उपायुक्त संचालक इन मामलों में चुप्पी साधे है।वही सिंगरौली जिले की बात करें तो कुछ वर्षों पहले भी पी त्रिपाठी मेमोरियल आईटीआई कॉलेज कुछ दिनों तक भारी सुर्खियों में था।जिले में बैठे संबंधित अधिकारी कर्मचारियों को नहीं पता है कि जिले में कितनी सारी विद्यालय व प्राइवेट संस्थाएं संचालित कर जिले के लाखों युवाओं के भविष्य को अंधकार की ओर ले जा रही है, वही सूत्रों की माने तो आए दिन आयुक्त उपायुक्त के स्थानांतरण को लेकर कई महीनों से जिले मे शिक्षा का देखरेख चंद दलालों के हाथों मे होने की बात प्रकाश मे आ रही है।तथा जो बच्चे अपने भविष्य को सुधारने हेतु आईटीआई की डिग्री हेतु ऐसे कॉलेज संस्थाओं में अपना एडमिशन भी लेने को मजबूर है।