आखिरकार नेताओं को किस का संरक्षण मिल रहा जो कि सारे नियमों को ताक पर रखकर खनिज विभाग के अधिकारी तक को फर्जी रॉयल्टी दिखाकर हजारों के रेत दूरदराज इलाकों में बेच रहे हैं।
तथाकथित नेता सत्ता ने अपनी सरकार होने का रौब दिखाते हुए खुलेआम दादागिरी के दम पर सरकारी संपत्तियों पर अपना मालिकाना हक जमाए बैठे हुए हैं। यही नेता सिंगरौली में यदि नई कंपनी आती है तो सारे कार्यों को छोड़कर नेतागिरी करने में मदमस्त हो विस्थापितों के साथ सौतेला व्यवहार कर कंपनी से हजारों की राशि चंपत कर एक महीने में ही लोगों को कंपनी से निकलवाने की भी रणनीति इन्हीं नेताओं के द्वारा बनाई जाती है। जिसमें कंपनी का जिले में कार्य करने तक में हजारों लाखों की राशि इन दलबदलू नेताओं को पहले ही देना पड़ता है जिसके कारण कंपनी बाहर से लोगों को लाकर चोरी चुपके अपना कार्य करवाने को मजबूर हो चुकी हैं। इसी के साथ जिले में बेरोजगारी का मुख्य कारण यही युवा नेता जो सफेदपोश धारण करके अपने आपको सिंगरौली जिले का विस्थापित नेता बोलकर हजारों युवाओं के भविष्य को अंधकार की ओर ढकेल रहे हैं।
वहीं पांच कुछ दिन पहले हमारे आंचलिक खबरें राष्ट्रीय साप्ताहिक अखबार के माध्यम से रेत के अवैध उत्खनन में लगे दलबदलू नेताओं के बारे में चर्चा की गई थी। जिसके बाद जिन बेरोजगार युवाओं को 2 महीने तक लगातार कार्य करवाया गया उन्हें अनायास ही कई लोगों द्वारा धमकी तक दी जाने लगी एवं जब कभी पैसे की मांग कर अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति करने की बात आती है तो साफ तौर पर नेता गुंडई पर उतारू हो जाते हैं। जिसके कारण युवाओं को मजबूर होना पड़ जाता है।
वही गाड़ी पर बड़े-बड़े होल्डिंग लगवा कर रेत खदानों में इन कद्दावर नेताओं की उपस्थिति भी देखा जा सकता है और वही पास में रह रहे ग्रामीणों की जमीनों पर अपने दबंगई के बलबूते खेती के बीच से जेसीबी द्वारा रास्ता बनाकर रेत की अवैध लीजो तक का रास्ता भी वहीं के लोगों से बनवाया जाता है।
1 सूत्रों की माने तो ग्राम पंचायत क्षेत्र में आने वाले समस्त ग्रामीणों के आने जाने में हाईवा जेसीबी एवं बड़ी बड़ी गाड़ियों के कारण हर समय दुर्घटना होने की आशंका बनी रहती है। जिसके कारण सारे लोग भय भाव से सड़कों पर निकलना भी बंद करते नजर आए एवं दिन के उजाले में ही सड़कों धूल उड़ाते हुए जाने वाली हाईवे ट्रेलर को रोकने हेतु कोई भी प्रशासनिक अमला मौके स्थल पर नहीं पहुंचता एवं यदि शिकायत करने जाएं तो रेत के अवैध कारोबार में लगे हुए दबंग नेता पहले ही यातायात के अधिकारियों को अपनी सूचना देकर उन्हें आने से मना कर देते हैं।
कांग्रेस मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मध्य प्रदेश के सिंगरौली के दो नेताओं को जिले मे अवैध धन्धो की कमान सौंपी है। जिसका दुरूपयोग कर अनायास ही लोगों को परेशान कर अवैध वसूली करने व खनीज सम्पत्ति के चोरी का कांम दबंगई पूर्वक कर रहे हैं। यही नही नौकरी दिलाने के नाम पर युवाओं को रोजगार पर ₹50000 कंपनी में लगवाने के नाम से महीनों पहले कई युवा से ले चुके हैं। लेकिन आज दिनांक तक किसी भी युवा को रोजगार तक नहीं उपलब्ध करवा पाए। इसी बीच यह दलबदलू नेता नेतागिरी की आड़ में नगर पालिक निगम सिंगरौली को भी भारी चंपत लगाने से बाज नहीं आ रहे हैं।
आखिर कब तक नेताओं के इशारे पर पुलिस प्रशासन व जिले में बैठे खनिज अधिकारी रेत का कार्य ऐसे नेताओं को देने को मजबूरी बताते रहेंगे।
सिंगरौली में इन दिनों रेत के अवैध कारोबार में संलिप्त नेताओं की चोर बाजारी बढ़ती ही जा रही है।-आंचलिक खबरे-अजय पांडेय
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