मां नर्मदा की पंचकोशी यात्रा 9 मार्च से होगी शुरू-आँचलिक ख़बरें-अनिल उपाध्याय

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पांच दिनों में करेंंगे 90 किमी की पदयात्रा।

पंचकोशी यात्रा में शामिल होंगे करीब 20 हजार श्रद्धालु।
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खातेगांव-मां नर्मदा के नाभि स्थल स्थित रिद्धनाथ व सिद्धनाथ महादेव पर जल चढ़ा कर 9 मार्च से पंचकोशी यात्रा शुरू होगी। जो कि 13 मार्च तक चलेगी। जिसमें करीब 20 हजार से अधिक श्रद्धालु शामिल होंगे। पुराणों में मां नर्मदा की सात प्रकार की परिक्रमा बताई गई है। उनमें से पंचक्रोशी यात्रा भी एक है । पांच दिनों तक चलने वाली यह यात्रा ओम आकार बनाकर प्रतिदिन पांच कोस का सफर तय करती है। जो 90 किमी का सफर तय कर पूर्ण होती है। यह यात्रा 9 मार्च से नेमावर घाट से भगवान सिद्धेश्वर व झंडा पूजन कर आरंभ होगी । जो आत्माराम बाबा के दर्शन के पश्चात बिजलगांव रात्रि विश्राम करेगी। 10 मार्च को नौका द्वारा नर्मदा पार कर जालौदा पंहुचेगी । जहां से जुगरिया, भमौरी होकर हंडिया में रात्रि विश्राम होगा। 11 मार्च को नर्मदा स्नान व रिद्धनाथ पर जल चढ़कर, हिडोलनाथ बाबा के दर्शनकर मांगरूल नयापुरा होते उचांन घाट पहुंचेगी, जहां रात्रि विश्राम होगा। 12 मार्च को नौका द्वारा नर्मदा पार कर देवास जिले के डावठा, राजोर होते हुए संंदलपुर में रात्रि विश्राम होगा। 13 मार्च को संदलपुर से रवाना होकर नेमावर घाट पर आकर पूर्ण होगी। जहां परिक्रमावासियों द्वारा नर्मदा स्नान के पश्चात कढ़ाई प्रसादी कर यात्रा का समापन होगा।दूसरी ओर हंडिया से शुरू होगी 60 किमी की यात्रा –WhatsApp Image 2021 03 08 at 9.03.02 PM
दूसरी और 10 मार्च को ही हंडिया से अारम्भ होने वाली पंचक्रोशी यात्रा 60 किमी का सफर करेगी। यह यात्रा हंंडिया घाट से भगवान रिद्धेश्वर व झंडा पूजन कर आंरभ होगी । जो हिडोलनाथ बाबा के दर्शन के उंचान घाट रात्रि विश्राम करेगी। 10 मार्च को उंचान से पहाड़ी के रास्ते चिराखान, साल्याखेडी होते हुए जोगा पहुंचेगी । जहां रात्रि होगा। 11 मार्च को नौैका द्वारा नर्मदा पार कर देवास जिले के पिपल्या माल के शिव बजरंग मंदिर पर दर्शन कर। तमखान सिराल्या होते हुए कर्ण बुजुर्ग में रात्रि विश्राम होगा। 12 मार्च को नर्मदा स्नानकर शिव बजरंग मंदिर होते हुए बागदी नदी पार कर संत टाटेश्वर आश्रम बजबाड़ा में रत्रि विश्राम होगा। 13 मार्च को यह यात्रा नेमावर सिद्धनाथ के दर्शनकर नर्मदा सेतु से हंडिया रिद्धनाथ तट पर पूर्ण होगी । जहा नर्मदा स्नान कढ़ाई प्रसाद के बाद समापन होगा। हंडिया व नेमावर से अलग-अलग निकलेगी पंचकोशी यात्रा – नेेमावर पचंकोशी यात्रा के मुख्य सूत्रधार पं सुरेेश चौबे ने बताया कि करीब एक दशक पूर्व रेबोदर पंचक्रोशी यात्रा ग्राम बाई से नामनपुर होकर फतहगढ़ तक आती थी । इस क्षेत्र के इंदिरा सागर जलाशय का पानी से डूब में आने व नेमावर पंचक्रोशी यात्रा के विशाल जन समुदाय को दो भागों में बांटा गया है । जिससे कि यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी का सामना ना करना पड़े। पंचकोशी यात्रा के दक्षिण तट प्रभारी अंवतिका प्रसाद तिवारी ने बताया कि गत वर्ष की तरह इस वर्ष भी 15-20 हजार यात्रा में शामिल होंगे।

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