नहर के जमीन पर अवैध कब्जा करके सडक निर्माण करने वाले के उपर सिचाई विभाग व सरपंच की अनदेखी से ग्रामीणो मे आक्रोश दिखा ।
नहर के बगल में सड़क बनाने का कार्य महज एक हफ्ते पहले ही शुरुकर दिया गया था। जिसमें स्थानीय पत्रकार के द्वारा खबर प्रकाशित की गई जिसके बाद नहर में पड़ी मिट्टी को निकाला गया, और सड़क निर्माण में आने वाले पेड़ पौधों को काटते हुए व पुल की दीवारों को फोड़ते हुए सड़क निर्माण किया गया है।
कुछ दिन पहले हमारे आंचलिक खबरें राष्ट्रीय साप्ताहिक अखबार के माध्यम से खबर प्रकाशित की गई थी एवं स्थानीय ग्रामीणों की समस्याओं को देखते हुए सिंचाई विभाग के अध्यक्ष द्वारा नगर के रास्ते से भरी हुई मिट्टी को हटाने का आश्वासन दिया गया एवं विद्युत पोल को भी उचित स्थान पर करवाने हेतु सड़क बनाने वाले व्यक्ति को कहां गया।
वहीं पर बात करते हैं स्थानीय ग्रामीणों की सड़क बनने से हो रही समस्याओं की तो सबसे बड़ी समस्या यह है कि सड़क निर्माण सरकारी भूमि पर किया जा रहा है जो सिंचाई विभाग के द्वारा नहर बनाने हेतु भूमि छोड़ी गई थी। वही नहर में पानी का बहाव इतना तीव्र होता है कि पास में मिट्टी से लेवलिंग की हुई सड़क से मिट्टी बहने लगती है। वही लगातार हमारे द्वारा खबरें प्रकाशित की गई लेकिन संबंधित अधिकारियों मिलीभगत व सरपंच के दबाव से कोई भी मौका स्थल पर सामने नहीं उपस्थित हो रहे हैं।सिंगरौली से आए हुए अरविंद चतुर्वेदी के द्वारा वहीं पास में 2 एकड़ भूमि क्रय की गई है जिसके आने जाने के लिए यह सड़क नहर के बगल से बनाई जा रही है। जबकि ग्राम पंचायत के द्वारा यह सड़क महज दूसरी तरफ निकालने का प्रावधान हुआ था जिसमें स्थानीय सरपंच के द्वारा सारे नियमों को ताक पर रखकर नहर के बगल से सटे हुए मार्ग में रास्ते का नवीनीकरण करवाने लगे जिसके कारण वहां रह रहे लोगों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा व इसी के साथ दो आम के वृक्षों को भी जड़ से उखाड़ कर फेंक दिया गया।सरपंच महोदय मामले में कुछ भी बताने से पीछे हट रहे हैं जिससे यह साबित हो जाता है कि कहीं ना कहीं दबाव बस यह सड़क इस जगह पर बनाया जा रहा है जो कि कहीं न कहीं अनुचित है।
नहर की जमीन पर अवैध कब्जा, सिचाई विभाग व सरपंच मौन-आंचलिक ख़बरें-अजय पांडेय
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