सिंगरौली जिले में इन दिनों कई युवा नेताओं के द्वारा अवैध कार्य करवाए जा रहे हैं, जिसमे तत्कालीन मुख्यमंत्री के चुने हुए नुमाइंदे को कई सारे सरकारी कार्य करने हेतु पहले से आरक्षित किया जा रहा है।
जिले में रेत खनन भंडारण एवं विक्रय हेतु कई दिग्गज युवा नेता दबंगई के बलबूते हजारों की रेत के दलाली में लगे हुए हैं। जिसमें बकायदा अपने गाड़ी पर पार्टी के बोर्ड लगवा कर रेत खदान में रेत लाने हेतु रास्ते का निर्माण करवा रहे थे। जिसमें महज 1 किलोमीटर की दूरी तक मिट्टी लेवलिंग कर रास्ता बनाया गया।
महज कुछ महीनों से पार्टी के सत्ता में होने के कारण स्थानीय युवा नेता रेत खदान में बिना किसी रजिस्ट्रेशन या रजिस्ट्री के ही अवैध तरीके से बालू में पीसी लोडर मशीन लगाकर हजारों की रेत बेचने में लगे हुए हैं। वही बात करते हैं कि स्थानीय युवा नेता के द्वारा रेत खदान में एक लीज का रजिस्ट्रेशन करवा कर कई जगहों पर पोकलेन पीसी मशीन लगाकर साफ तौर पर दबंगई दिखाते हुए रेत का अवैध उत्खनन कर बेचने का गोरखधंधा कर रहे हैं।
वहीं कांग्रेस पार्टी के कई दिग्गज नेताओं के इर्द-गिर्द रहने वाले नेता बनने की चाह रखने वाले चंद्र दलालों के वजह से सरकारी खनिज संपत्ती पर अवैध कब्जा जमाए व कांग्रेस पार्टी के नेता होने का रौब दिखाते हुए कई बेरोजगार युवाओं को अपने ही रेत खदान में रोजगार के नाम पर 2 महीने से लगातार कार्य भी करवा रहे हैं लेकिन जब कभी युवाओं ने पैसे की मांग की तो उन्होंने साफ तौर पर कह दिया कि आप लोगों को एक रुपए मैं नहीं दूंगा।और तुम लोग मेरा कुछ नहीं उखाड़ सकते ज्यादा करोगे तो तुम्हारे ऊपर बैढन कोतवाली में फर्जी मुकदमा दर्ज करा कर बंद करवा दुगा। इसी बीच कई युवाओं ने हमारे संवाददाता से संपर्क कर बताया कि उक्त नेताओं के द्वारा सरकारी खनिज संपत्ति की दलाली कर अवैध कारोबार में लगे हुए हैं।
वहीं एक व्यक्ति ने बताते हुए कहा कि महज एक हफ्ते पहले नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत पचोर पुलिस लाइन से उक्त व्यक्ति सीमेंटेड पुल को बिना किसी अनुमति के अपनी दबंगई पर लोड करवा कर ट्रैक्टर से रेत खदान की ओर ले ही जा रहे थे कि नवगढ़ में आने से पहले ही पुलिस प्रशासन ने दस्तक देकर ट्रैक्टर व पुलों को जप्त किया।
नगर निगम के आला अधिकारियों से बात कर जिस ठेकेदार के कार्यक्षेत्र से पुल को उठाया गया था इस पर संपर्क कर मामले को दबाने की पुरजोर कोशिश में लगे रहे कांग्रेस पार्टी के नेता। जिससे यह साफ हो जाता है कि स्थानीय पुलिस प्रशासन को सारी जानकारी होने के बावजूद भी इन नेताओं के ऊपर उचित कोई भी कार्यवाही करने से पीछे हटते हैं। वही ऐसे चंद दबंगों के कारण दूरदराज गांवों में दबंगई के दम पर हजारों की अवैध धंधे में इन नेताओं का लिप्त होना भी कोई अतिशयोक्ति नहीं हो सकती।