स्वास्थ्यकर्मियों का तंबाकू नियंत्रण पर प्रशिक्षण-आँचलिक ख़बरें-महताब आलम

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तंबाकू सेवन न करने व जन जागरूकता की शपथ दिलाई शृंखला बनाएँ, जागरूक करें और तंबाकू सेवन से बचाएं

गाजीपुर, 23 दिसम्बर 2021 – राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत गुरुवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के सभागार में समस्त ब्लॉक के चिकित्सा अधीक्षक व स्वास्थकर्मियों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया। प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ के के वर्मा की अध्यक्षता में प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया | कार्यशाला में विभाग से जुड़े सभी अधिकारी और कर्मचारी शामिल होकर धूम्रपान से होने वाले नुकसान और बचाव के उपाय बताए।
एक दिवसीय प्रशिक्षण में धूम्रपान व तंबाकू के प्रयोग से होने वाले नुकसान और बचाव के उपाय के बारे में बताया गया । इसके साथ ही कोटपा एक्ट-2003 के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी गई। इसके साथ ही तंबाकू का प्रयोग नहीं करने और अन्य लोगों को इसके बारे में जागरूक करने की शपथ दिलाई गई। गैर संचारी रोगों (एनसीडी) के जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ के के सिंह ने बताया कि प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य तंबाकू व उससे बने उत्पादों के के सेवन से बचाना है । इसके साथ ही स्वास्थ्य पर बुरे प्रभावों के बारे में जागरुकता फैलाना है।WhatsApp Image 2021 12 23 at 7.17.25 PM 1
इस अवसर पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (एसीएमओ) डॉ उमेश कुमार ने बताया कि हम सबको यह शपथ लेना चाहिए कि धूम्रपान करने वाले कम से कम तीन लोगों को धूम्रपान से होने वाले नुकसान के बारे में बताएँगे जिससे अधिक से अधिक लोग इससे बचें और वह लोग भी आगे तीन लोग को बताएं। इससे लोग धूम्रपान से होने वाले नुकसान के बारे में लोगों को जागरूक कर एक लंबी शृंखला बनाते हुये लोगों को बचाया जा सकता है। एसीएमओ डॉ मनोज सिंह ने बताया कि धूम्रपान करने वाले व्यक्ति उससे ज्यादा उसके आस-पास के लोगों को नुकसान पहुंचाते हैं। ऐसे में धूम्रपान करने वालों से दूरी बनाए रखना चाहिए।
गैर संचारी रोगों (एनसीडी) के जनपद सलाहकार डॉ अभिषेक सिंह ने बताया कि धूम्रपान या गुटखा से होने वाले स्वास्थ्य के खतरों की जानकारी सभी को होती है, फिर भी 12-17 साल की उम्र के हजारों युवा रोजाना धूम्रपान शुरू करते हैं। कुछ लोग उसे जिज्ञासा के तौर पर शुरू करते हैं,  जबकि अन्य अपने आपको बड़ा दिखाने के लिए करते  हैं। धूम्रपान का प्रभाव खांसी और गले में जलन समेत सांस की बदबू और कपड़ों में दुर्गंध के साथ शुरू होता है। उससे त्वचा के रूखा होने और दांत के रंग बिगड़ने का डर रहता है। वक्त गुजरने के साथ दिल की बीमारी, ब्रोंकाइटिस, न्यूमोनिया, स्ट्रोक, कैंसर और खास कर मुंह का कैंसर समेत स्वास्थ्य समस्याओं की ज्यादा गंभीर स्थिति विकसित हो सकती हैं। उन्होने बताया कि पिछले दो से तीन सालों में जिले में तंबाकू का सेवन करने वालों में करीब 15 फीसदी कमी आई है।
इस मौके पर रवि शंकर चौरसिया, डॉ एसडी वर्मा, डॉ प्रमोद कुमार श्रीवास्तव ,वरिष्ठ सहायक अमित राय सहित तमाम स्वास्थ्य कर्मी मौजूद रहे।

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