रेत खदान में दबकर मरने वाले श्रमिक की विधवा को दो साल बाद भी नही मिली अनुग्रह सहायता-आँचलिक ख़बरें-मनोज जैन

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बड़वाह- प्रदेश में काफी बड़ी संख्या में ऐसे गरीब परिवार निवास करते है जो रोज मजदूरी करके अपने परिवार की आजीविका चलाते हैं। लेकिन अक्सर देखा जाता है कि परिवार में पैसे कमाने वाले के साथ कोई दुर्घटना हो जाती या दुर्घटना में मृत्यु हो जाती है तो परिवार के अन्य सदस्यों के लिए उसके जाने का दुःख तो होता ही है। वहीं अन्य सदस्यों का जीवन यापन करने में भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
इन सभी परेशानियों को देखते हुए मध्यप्रदेश सरकार ने अपने राज्य में गरीब परिवार के श्रमिक नागरिको के लिए संबल योजना के तहत अंत्येष्टि सहायता योजना एवं अनुग्रह सहायता योजना की शुरुआत की है। इस योजना के अंतर्गत प्रदेश के श्रमिक के साथ कोई दुर्घटना होती है या दुर्घटना में उसकी मृत्यु हो जाती है तो सरकार की ओर से उसके परिवार को सहायता प्रदान की जाती है।लेकिन संबंधित कर्मचारियों एवं अधिकारियों की लापरवाही के चलते आज भी ऐसे कई मामले लंबित है। जिसके लिए सालो कार्यालयों के चक्कर काटने के बावजूद पीड़ितों का लाभ नही मिल पाया है।
ऐसे ही एक मामले में ग्राम पंचायत नावघाट खेड़ी की एक विधवा महिला अपने पति की अप्राकृतिक मृत्यु के पश्चात विगत दो सालों से पंचायत के चक्कर काट रही है।
उल्लेखनीय है कि नावघाटखेड़ी पंचायत के भुवानीराम पिता कन्नू केवट की 23/02/2019 को ग्राम कटार, थाना मान्धाता जिला-खंडवा की रेत खदान में मजदूरी कार्य करते हुए खदान में दबने से अप्राकृतिक मृत्यु हो गई थी।जिससे प्रार्थिनी सहित उसके परिवार के भरण-पोषण की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई। तब गांव के कुछ जागरूक एवं हितेषियों के द्वारा बतलाये जाने पर मृतक की पत्नी नर्मदबाई द्वारा, अनुग्रह सहायता के लिए तत्समय नियमानुसार समस्त दस्तावेजी औपचारिकताएं पूर्ण करते हुए स्थानीय पंचायत एवं जनपद पंचायत बड़वाह के समक्ष कार्यवाही हेतु आवेदन प्रेषित कर दिया था।लेकिन पीड़िता महिला को अप्राकृतिक मृत्यु पर मिलने वाली 4 लाख राशि का भुगतान अभी तक नही किया गया।जबकि महिला द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी बड़वाह,जिला पंचायत खरगोन और कलेक्टर खरगोन को भी लिखित आवेदन द्वारा अवगत करवाया गया है।।

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