सिंगरौली जिले के खुटार ग्राम पंचायत में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इन दिनों भारी लापरवाही बरती जा रही है-आँचलिक ख़बरें- अजय पांडेय

News Desk
By News Desk
6 Min Read
logo

सिंगरौली जिले के खुटार में उस समय अफरा-तफरी का माहौल व्याप्त हुआ जब अज्ञात वाहन की टक्कर से दो युवक जख्मी हालत में सखौहॉ, से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खुटार पहुंचे जहां पर समय से पहले ही चिकित्सक एवं स्टाफ नर्स गेट में ताला लगाकर जा चुकी थी। कि अचानक हुए सड़क हादसे से जख्मी दो युवक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खुटार जैसे ही पहुंचते हैं तो डॉक्टर उपस्थित ना होने के कई बहाने बनाकर नर्स जिला अस्पताल ले जाने हेतु बोलने लगी। वही वहां मौजूद लोगों के वजह से रात्रि के 07:00 बजे के करीब लोगों के कहने पर अस्पताल का गेट खुला लेकिन स्ट्रेचर या व्हीलचेयर जैसी सुविधाएं होने के बावजूद भी जख्मी लोगों को गोदी में उठाकर वहां के ग्रामीणों ने अस्पताल के अंदर ले गए जहां पर स्ट्रेचर पर ना लेटा कर पास में बने फर्श पर दोनों मरीजों को लिटा कर प्राथमिक उपचार किया गया।
वही खुटार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ चिकित्सक डॉ अभय रंजन सिंह जो अपने समय से पहले ही अस्पताल बंद करा कर जा चुके थे। वहीं जब हमारे संवाददाता ने पदस्थ स्टाफ नर्स से उनका नाम जानना चाहा तो वह भड़क उठी और कहने लगे कि हमे जो दवाई करना था हमने कर दिया, अब हम आपको नाम क्यों बताएं एवं 108 आपात काल में आने वाली एमरजैंसी गाड़ी हेतु कॉल किया गया जहां से लगभग 7:27 पर इवेंट के बाद जिला अस्पताल से सहायक डॉक्टर प्रतीक कुमार पांडे एंबुलेंस के साथ उपस्थित हो दोनों मरीजों को जिला अस्पताल ले आए। ऐसे में अचानक हुए हादसे से गंभीर युवकों को लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। लेकिन वहां मौजूद स्टाफ नर्स बदतमीजी से बहस कर पीड़ित व्यक्ति को जिला अस्पताल ले जाने हेतु दबाव बनाने लगी। लेकिन आसपास ग्रामीणों की भीड़ होने के कारण मजबूर होकर अस्पताल का ताला खोल पास बने फर्श में ही मरीजों को लिटा दिया गया। और प्राथमिक उपचार कर खून को रोका गया। वही मौके स्थल से प्राप्त जानकारी के अनुसार सुजीत कुमार विश्वकर्मा सूर्य नारायण विश्वकर्मा एवं एक प्रजापति नाम का लड़का अपने मोटरसाइकिल से जा रहे थे कि अचानक गड़ाखॉंड बाजार की ओर से आ रही बोलेरो अनियंत्रित हो मोटरसाइकिल में जा भिड़ी जिसके बाद मोटरसाइकिल सवार यदि गिर गए और जिन्हें काफी चोटें भी आई इसके बाद बुलेरो तीव्र गति से चलाते हुए ड्राइवर भाग निकला इसके बाद आसपास के व्यक्तियों की मदद से इन लोगों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खुटार प्राथमिक उपचार हेतु लाया गया।
सही बात करते हैं कि खुटार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में महज कई वर्षों से शाम समय 5:00 बजे ही डॉक्टर ताला बंद करके और चले जाते हैं जब कभी भी इमरजेंसी में कोई मरीज या गर्भवती महिलाएं अचानक पहुंचती है तो वहां केवल स्टाफ नर्स ही मौजूद मिलती है और अपने हिसाब से बिना उचित चेकअप के ही दवाइयां भी करनी प्रारंभ कर देती हैं मरीज के बारे में डॉक्टर से कोई परामर्श नहीं ली जाती है। ऐसा करने से कई महिलाओं एवं पीड़ित व्यक्तियों की हालत बिगड़ने लगती है तू अपना पल्ला झाड़ कर व्यक्ति को जिला अस्पताल ले जाने हेतु विवश किया जाता है लेकिन समय पर दवा ना होने के कारण कई लोगों को अपनी जान भी गंवानी पड़ती है।
जबकि जिले में बैठे चिकित्सा अधिकारी को हर महीने जिले के सुदूर ग्रामीण इलाके से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर फीडबैक वार्षिक रिपोर्ट के नाम पर फर्जी एंट्री करके फर्जी महिलाओं के नाम तक लिस्ट में जोड़कर खानापूर्ति की जाती है।
वही जगह डॉ अभय रंजन सिंह के बारे में बात की जाए कि वह कब आएंगे कब उपस्थित होंगे तो स्टाफ नर्सों को कोई जानकारी नहीं रहती है बोलती हैं कि हमें थोड़ी बता कर गए हैं कि कब आएंगे तब हमारे संवाददाता ने पूछा कि यदि कोई गंभीर मामला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आए तो तत्काल में आप क्या करती हैं। स्टाफ नर्स ने बताया कि हमें जो समझ में आता है हम दबा कर देते हैं एवं यहां से जिला अस्पताल के लिए रेफर कर देते हैं। जब हमारे संवाददाता ने पूछा कि डॉक्टर साहब को इस मामले की जानकारी देती हैं तो उन्होंने कहा कि तत्काल प्राथमिक उपचार कर उन्हें जिला अस्पताल भेजने का आदेश हमारे डॉक्टर साहब के द्वारा ही पहले से दिया जा चुका है तो हम अनायास उन्हें फोन लगाकर डिस्टर्ब भी नहीं करते हैं।
सोचिए सुदूर ग्रामीण इलाकों में पदस्थ डॉक्टरों की मनमानी के चलते आए दिन मरीजों को दर-दर भटकना पड़ता है जिसका एक सीधा सा कारण है कि समय पर डॉक्टर या दवाइयां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खुटार पर नहीं पहुंच पाती है।

Share This Article
Leave a comment